बिहार न्यूज़: क्या सरकारी नौकरी का सपना अब सिर्फ ‘खरीदा’ जा रहा है? बिहार में सिपाही चालक भर्ती परीक्षा एक बार फिर बड़े सवालों के घेरे में आ गई है। बुधवार को हुए इम्तिहान में ‘सॉल्वर गैंग’ की ऐसी गहरी पैठ सामने आई है, जिसने सबको चौंका दिया है। आखिर कैसे लाखों में हो रहा था इस परीक्षा में पास होने का सौदा?
बिहार में सिपाही चालक के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली का खुलासा हुआ है। बुधवार को हुई इस परीक्षा में सक्रिय ‘सॉल्वर गैंग’ ने परीक्षा की शुचिता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, इस गैंग ने अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने के लिए प्रति उम्मीदवार तीन लाख रुपए तक का सौदा तय किया था, जिसका पर्दाफाश कई केंद्रों पर हुआ है।
मुजफ्फरपुर और दरभंगा में सामने आए मामले
इस धांधली की परतें मुजफ्फरपुर और दरभंगा के परीक्षा केंद्रों से खुलनी शुरू हुईं। प्रारंभिक जांच में इन दोनों जिलों के परीक्षा केंद्रों से सॉल्वर गैंग की संलिप्तता के दो प्रमुख मामले सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि इन केंद्रों पर सक्रिय गिरोह के सदस्यों ने योजनाबद्ध तरीके से परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की। हालांकि, अभी तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है कि इन मामलों में क्या कार्रवाई हुई या कितने लोग पकड़े गए, लेकिन यह स्पष्ट है कि गैंग की पैठ काफी गहरी थी।
परीक्षा की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल
सिपाही चालक भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग के इस खुलासे ने एक बार फिर प्रदेश में होने वाली सरकारी नियुक्तियों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना उन लाखों युवाओं के मनोबल पर चोट करती है, जो दिन-रात कड़ी मेहनत कर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं। प्रशासन और परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था पर अब इन मामलों की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।


