Brahmin News: जब समाज की बुनियाद हिलने लगे और परंपराओं की डोर कमजोर पड़ने लगे, तब उसे थामने के लिए सामूहिक प्रयास की दरकार होती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान, ब्राह्मण समुदाय के विधायकों ने इसी उद्देश्य के साथ एक अहम बैठक का आयोजन किया।
**ब्राह्मण न्यूज़: यूपी में ब्राह्मण विधायकों की महाबैठक, ‘बिखरते समाज’ को एकजुट करने पर मंथन**
## बिखरते समाज और ब्राह्मण न्यूज़: एक सामूहिक चिंता
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच ब्राह्मण समुदाय के लगभग चार दर्जन विधायकों ने एक विशेष बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ब्राह्मण समाज के सामने आ रही चुनौतियों और उसके बिखराव को लेकर गहन चर्चा करना था। विधायक रत्नाकर मिश्रा ने इस पहल के पीछे के मूल विचार को स्पष्ट करते हुए कहा कि, “आज हमारा समुदाय बिखर रहा है। एक समय था जब तीन पीढ़ियां एक ही छत के नीचे प्रेम से रहती थीं, लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में आकर हमारे बच्चे अपनी जड़ों से कट रहे हैं, जिससे समाज में दरार आ रही है।” आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मिश्रा ने आगे कहा कि इस बैठक का केंद्रीय विचार इन युवा पीढ़ियों को सही दिशा देना और पूरे समुदाय को एकजुट करना था। उन्होंने समाज के अंदर बढ़ती एक और गंभीर चिंता पर प्रकाश डाला: माता-पिता का वृद्धाश्रम जाना। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए एक बड़ा चिंता का विषय है कि आज हमारे बुजुर्ग माता-पिता को वृद्धाश्रम जाना पड़ रहा है। उन्हें एक छत के नीचे कैसे रखा जाए? इसी उद्देश्य को लेकर यह बैठक आयोजित की गई थी।”
## संस्कृति के वाहक और सामाजिक एकजुटता का आह्वान
ब्राह्मणों की भूमिका को समझाते हुए उन्होंने कहा कि समाज को मूल्य और संस्कृति देना ब्राह्मणों का कर्तव्य है। यदि ब्राह्मण समुदाय अपनी संस्कृति और मूल्यों को बनाए रखने के लिए बैठक कर रहा है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उनका मानना था कि प्रत्येक समुदाय को भारत माता की मुख्यधारा में सभी को लाने के लिए ऐसी बैठकें आयोजित करनी चाहिए। यह बैठक विशुद्ध रूप से सामाजिक और सांस्कृतिक थी, जिसका राजनीतिक विचारों से कोई संबंध नहीं था।
विधायक रत्नाकर मिश्रा ने जोर देकर कहा कि इस बैठक का उद्देश्य कोई राजनीतिक चर्चा करना नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया, “हमें राजनीतिक विचार-विमर्श की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में माफिया राज समाप्त हो गया है और सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से चल रही हैं। इसलिए राजनीतिक चर्चा का कोई औचित्य नहीं था।” उन्होंने पार्टी की भागीदारी के बारे में भी बताया कि लगभग चार दर्जन विधायकों ने इस बैठक में भाग लिया, लेकिन उन्हें सभी पार्टियों के विधायकों की जानकारी नहीं थी क्योंकि वे थोड़ी देर से पहुंचे थे। यह एक गैर-राजनीतिक जमावड़ा था आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अन्य समुदायों ने भी अतीत में इसी तरह की बैठकें आयोजित की हैं। मिश्रा ने उदाहरण देते हुए कहा, “इससे पहले ठाकुर समुदाय के विधायकों ने भी अपनी बैठक की थी, जो एक सकारात्मक कदम था। कुर्मी समुदाय के विधायकों ने भी अपनी बैठकें की हैं, और मेरा मानना है कि अन्य समुदायों को भी ऐसी बैठकें करनी चाहिए ताकि उनका समुदाय मुख्यधारा से जुड़ा रहे।” यह दृष्टिकोण उत्तर प्रदेश विधानसभा में विभिन्न समुदायों द्वारा अपनी पहचान और समस्याओं को लेकर की जा रही पहलों को दर्शाता है।
कुशीनगर से भाजपा विधायक और बैठक के आयोजक पी एन पाठक ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा, “हमने ब्राह्मण विधायकों की एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में किसी अन्य पार्टी का कोई विधायक मौजूद नहीं था और इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था।” आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने मीडिया में फैलाई जा रही खबरों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि ब्राह्मण नाराज हैं। पाठक ने कहा, “ऐसा कुछ भी सच नहीं है। ब्राह्मण केवल उत्थान और सामाजिक कल्याण की बात कर रहे हैं, न कि किसी राजनीतिक नाराजगी की।”




