चंडीगढ़ महापौर चुनाव: राजनीति के अखाड़े में पाला बदलना कोई नई बात नहीं, लेकिन चंडीगढ़ की गलियों में बिछी सियासी बिसात पर हर चाल रोमांच पैदा कर रही है। महापौर पद पर वर्चस्व की जंग में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, जहाँ दो पार्षदों ने अपनी निष्ठा बदल कर सबको चौंका दिया। बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की दो पार्षदों, सुमन देवी और पूनम देवी, ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। यह घटना जनवरी में होने वाले महत्वपूर्ण चुनावों से ठीक पहले हुई है। ऐसी अटकलें हैं कि ये दोनों पार्षद आज पंचकुला में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकती हैं। इसे भगवा दल के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा चंडीगढ़ में महापौर पद पर फिर से कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है।
वर्तमान में, चंडीगढ़ की महापौर भाजपा की हरप्रीत कौर बाबला हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में 19 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। यह जीत क्रॉस-वोटिंग के एक महत्वपूर्ण प्रकरण के बाद संभव हुई थी, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन को पछाड़ दिया, जिसे केवल 17 मत मिले थे। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज पंचकुला में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए मौजूद हैं। उनके आगमन से पूर्व, मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन सभी कार्यक्रमों की अंतिम तैयारियों का जायजा लिया, जिनमें शाह को शामिल होना है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
चंडीगढ़ महापौर चुनाव: भाजपा की रणनीति और AAP को सेंध
मुख्यमंत्री सैनी ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हों। गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित किया था। इस फैसले ने पिछले नतीजों को पलट दिया था, जिसमें भाजपा उम्मीदवार को पहले विजेता घोषित किया गया था। यह ऐतिहासिक निर्णय पिछले साल 20 फरवरी को आया था। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह पूरा विवाद तब गर्माया था, जब मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कैमरे पर आप-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में पड़े आठ मतपत्रों को अवैध घोषित करते हुए कैद किया गया था। इस हरकत से शुरुआत में चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में झुक गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और फैसले के बाद, कुलदीप कुमार को आधिकारिक तौर पर निर्वाचित मेयर के रूप में मान्यता मिली, जिससे 2024 के चंडीगढ़ मेयर चुनाव से जुड़े सारे विवादों पर विराम लग गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



