भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने सोमवार को आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों के लिए अपने 87 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। महाराष्ट्र के सभी नगर निगमों, जिनमें बीएमसी भी शामिल है, के लिए मतदान 15 जनवरी को होगा, और 16 जनवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस सूची में माहिम विधानसभा सीट के तहत आने वाली वार्ड नंबर 192 भी शामिल है, जिसके बारे में सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने इस सीट से अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वार्ड में किस पार्टी को विजय मिलती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
कांग्रेस और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के बीच गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है, और सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन चुकी है। दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच कई दौर की गहन चर्चाओं और बैठकों के बाद यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। बीएमसी की कुल 227 सीटों में से, कांग्रेस 165 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि वीबीए 62 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह कांग्रेस-वीबीए गठबंधन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरा है।
कांग्रेस, महा विकास अघाड़ी (MVA) का भी हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का गुट भी शामिल है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
एमवीए के भीतर भी खींचतान, कांग्रेस की नीति
बीएमसी चुनावों के लिए, शिवसेना-यूबीटी ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ गठबंधन किया है, जिसकी कांग्रेस ने लगातार आलोचना की है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह सभी ‘विभाजनकारी’ और ‘सांप्रदायिक’ ताकतों के खिलाफ है, और इसी कारण वह शिवसेना-यूबीटी के एमएनएस के साथ गठबंधन का विरोध कर रही है। कांग्रेस का आंतरिक मत रहा है कि ऐसे गठबंधन उसकी विचारधारा के विपरीत हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इससे पहले पार्टी ने घोषणा की थी कि वह बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी, लेकिन बाद में खबरें आईं कि कांग्रेस प्रकाश अंबेडकर की पार्टी के साथ गठबंधन पर विचार कर रही है। राजनीतिक गलियारों में इस कांग्रेस-वीबीए गठबंधन को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह कितना सफल होगा। बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच, कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह चुनावी रण में एक नया मोड़ लाएगा।






