केंद्र सरकार ने उन वयस्कों को ‘कॉर्बेवैक्स’ टीके की बूस्टर खुराक देने को मंजूरी दे दी है, जो कोविशील्ड या कोवैक्सीन टीके की दो खुराक ले चुके हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग कोई टीका बतौर ऐहतियाती खुराक लगाया जाएगा।
जय बाबा केदार..!
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बायलॉजिक ई कंपनी की कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह बूस्टर डोज 18 साल से ऊपर के वयस्कों को दी जाएगी। इसके साथ कॉर्बेवैक्स टीके को एहतियाती खुराक के रूप में उन लोगों को भी दी जा सकेगी जिन्होंने पहली दो खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ली है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी है। सूत्रों ने बताया, ‘18 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों को ऐहतियाती खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने पर विचार किया गया है, जिन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए छह महीने या 26 सप्ताह हो चुके हैं। इस आयु वर्ग के लोगों को पहले लगे टीके से अलग ऐहतियाती खुराक दी जाएगी।
बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयों के अधिकारियों ने बताया कि यह अनुमति टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) के कोरोना कार्य समूह द्वारा पिछले सप्ताह की गई अनुशंसा पर आधारित है।
कॉर्बेवैक्स देश का पहला टीका है जो पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग बतौर एहतियाती खुराक दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत के पहले स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट टीका कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल मौजूदा समय में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष आयु के बच्चों को लगाने के लिए किया जा रहा है।
भारत के औषधि महानियंत्रक (जीसीजीआई) ने चार जून को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स को 18 या इससे अधिक आयु के लोगों को लगाने की अनुमति दी थी।