उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने अखिलेश यादव के घर में सेंधमारी कर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। वहीं, अखिलेश ने कहा, चलिए पूरे देश में समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है।
इससे पहले, दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपर्णा को पार्टी की सदस्यता दिलाई। सियासी गलियारों में लंबे समय से चर्चा थी कि अपर्णा समाजवादी पार्टी से नाराज चल रही थीं। वजह लखनऊ कैंट सीट से टिकट न मिलना बताया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बुधवार को नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह मौजूद थे।
अपर्णा यादव के इस फैसले को समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अपर्णा इस विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
अपर्णा यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव और प्रतीक में बहुत सामंजस्य नहीं है। अखिलेश के प्रतीक से दूरी बनाकर रहने की कोशिश की खबरें मीडिया में भी आती रही हैं। 2017 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव के दबाव में सपा ने अपर्णा को लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। अपर्णा ने चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा प्रत्याशी के समक्ष उनकी पराजय हुई।
अपर्णा यादव बिष्ट सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। अपर्णा का जन्म 1 जनवरी 1990 को हुआ था। उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक पत्रकार रहे हैं और मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं।
अपर्णा ने इंग्लैण्ड के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंध में मास्टर डिग्री हासिल की है। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू ने साल 2017 में लखनऊ कैंट सीट से सपा के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था, हालांकि वह चुनाव हार गई थीं।
उस चुनाव के बाद माना जा रहा था कि यादव परिवार की छोटी बहू संगठन के कार्यों में भागीदार बनेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी के भीतर उनकी सक्रियता न के बराबर रही। समाजवादी पार्टी का काम करने का तरीका अपना है। अपर्णा को राष्ट्रवाद पसंद है। उनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने भाजपा की सदस्यता लेने के बाद कहा कि वह राष्ट्रवाद के लिए काम करना चाहती हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्य और भाजपा की रीति-नीति पसंद है। इसलिए वह भाजपा में आई हैं।
भाजपा ने भी अपर्णा को सम्मान देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली में उन्हें सदस्यता दिलाई गयी। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं से उनकी मुलाकात हई है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि अखिलेश यादव अपने परिवार को भी रोक पाने में असफल रहे हैं। इस चुनाव में अपर्णा को भाजपा महत्वपूर्ण भूमिका दे सकती है।