दिल्ली-एनसीआर न्यूज़: ठंड ने आहट दी नहीं कि राजधानी की हवा में ज़हर घुलना शुरू हो गया है। आखिर क्यों हर साल सर्दी के आते ही दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो जाता है, और क्या इस बार भी वही कहानी दोहराई जाएगी?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर क्षेत्रों में एक बार फिर वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। जैसे ही दिसंबर महीने की शुरुआत हुई और ठंड ने दस्तक दी, हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गई, जिसने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
‘बेहद खराब’ श्रेणी में दिल्ली की हवा
गुरुवार, 11 दिसंबर की सुबह जारी किए गए वायु गुणवत्ता आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रिकॉर्ड की गई। सुबह-सुबह कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के आंकड़े को भी पार कर गया, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा दर्शाता है।
यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि सर्दियों के मौसम में, जब हवा की गति धीमी होती है और तापमान गिरता है, तो प्रदूषक तत्व वातावरण में ऊपर उठने की बजाय निचली सतहों पर जमा होने लगते हैं। इसी कारण से दिल्ली-एनसीआर को हर साल इस गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है।


