पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एफआईआर दर्ज कर किया। साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम भी बनाई गई। ईओयू ने कर्रवाई करते हुए सबसे पहले पेपर लीक के मास्टरमाइंड अजय कुमार को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही के आधार पर पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
इसमें पेपर लीक के मास्टरमाइंड अजय कुमार का भाई भी शामिल है। इसके बाद अब पश्न पत्र को सॉल्व करने वाले आरोपियों पर भी कार्रवाई की गई। अभी भी आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की कार्रवाई लगातार जारी है। पढ़िए क्या हुआ है नया खुलासा
बीपीएससी पेपर लीक में अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसमें एक भाजपा नेता का भी नाम आ रहा है। दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई (EoU) की टीम की बड़ी कार्रवाई में बड़े नकाबपोश धीरे धीरे सामने आने लगे हैं। पहले जदयू नेता का नाम और कनेक्शन सामने आया जब गया के रामशरण सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार का नाम इसमें जुड़ा। और इसके बाद, बीजेपी नेता संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश (Nitish Kumar) पर बड़े आरोप लगाए कि जान बूझकर प्रश्न पत्र लीक मामले में कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं। कहा कि अभी तक जो कुछ सामने आया है उसमें यह साबित हो रहा कि बिहार के अलावा एमपी पेपर लीक तक के मामले का तार नालंदा से जुड़ा है। इसकी जानकारी नीतीश कुमार को भी है।
इधर, बीपीएससी पेपर लीक मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (EoU) की टीम की कार्रवाई जारी है। इसमें एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी ने बेगूसराय के विकास विद्यालय पर छापेमारी की और वहां के अकाउंटेंट रौशन कुमार को पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, यह स्कूल भाजपा जिला अध्यक्ष राजकिशोर सिंह का है। इसी कड़ी में बेगूसराय के विकास विद्यालय के अकाउंटेंट रौशन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। रौशन कुमार पर आरोप है कि पेपर लीक में उसकी भी संलिप्तता रही है।
आर्थिक अपराध इकाई माने तो रौशन ने बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न प्रत्र का फोटो खींच कर उसे एक अभ्यर्थी के पास भेजा था। जिस अभ्यर्थी को प्रश्न पत्र भेजा गया था वह परीक्षा देने नहीं आया। नियम ये है कि जो अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं आते हैं उनके प्रश्न पत्र के सील को खोला नहीं जाता है।
आर्थिक अपराध इकाई जांच के दौरान पाया गया कि अकाउंटेंट रौशन कुमार, प्रिंसिपल बनकर गया और बचे हुए प्रश्न प्रत्र को ले लिया। उसके बाद उसने प्रश्न पत्र का फोटो खिंच कर परीक्षा देने ना आए हुए अभ्यर्थी को भेज दिया। आर्थिक अपराध इकाई ने जब प्रश्न पत्र के बार कोड के आधार पर जांच की तब इस पुरे मामले का खुलासा हुआ।
फिलहाल रौशन को गिरफ्तार कर पूछ-ताछ की जा रही है। यह विद्यालय भाजपा नेता राजकिशोर सिंह का है इसलिए जांच के दायरे में वो भी आ सकते हैं।
वहीं, 23 दिसंबर को बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। जिसे दो पालियों में लिया गया था। लेकिन प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने के लगभग एक घंटा बाद ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया। प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा।