दिल्ली सरकार ने महिलाओं के बाद अब निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए मुफ्त बस पास की योजना शुरू की है। बेलदार, मिस्त्री, बढ़ई, इलेक्ट्रिशन, गार्ड व अन्य मजदूर इसका लाभ उठा सकेंगे।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मजदूरों के लिए नई योजना शुरू की है। दिल्ली सरकार की इस योजना के माध्यम से दिल्ली के सभी श्रमिकों को फ्री बस पास मिलेगा और श्रमिक डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा उठा सकते हैं। इस योजना के माध्यम से श्रमिक निर्माण स्थल से अपने घर तक मुफ्त बस की यात्रा कर सकते हैं। इस योजना से बढ़ई, मिस्त्री, बिजली कर्मी, गार्ड और अन्य मजदूर लाभान्वित होंगे।
बुधवार को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ निर्माण मजदूरों को मुफ्त बस पास वितरित करके इस योजना की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि निर्माण स्थलों पर काम करने वाले बढ़ई, मिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, गार्ड और मजदूर सभी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस योजना का शुभारम्भ किया। इस दौरान सिसोदिया ने कुछ श्रमिकों को फ्री बस पास भी बांटे। सिसोदिया ने योजना की जानकारी देते हुए ट्वीट कर लिखा, “दिल्ली में निर्माण श्रमिकों के लिए आज मुफ़्त बस पास योजना शुरू की गई। निर्माण स्थल पर काम कर रहे बेलदार, मिस्त्री, बढ़ई, इलेक्ट्रिशन, गार्ड व अन्य मज़दूर इसका लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का प्रयास है कि मजदूरों की अधिकतम सहायता की जाए। ये दिल्ली के निर्माता है।”
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को निर्माण श्रमिकों के लिए मुफ्त बस पास की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के आर्थिक बोझ को कम करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू कर रही है।
अब श्रमिकों को अपने कार्य स्थल पर जाने के लिए बस में पैसे नहीं देने पड़ेंगे बल्कि दिल्ली सरकार उन्हें मुफ्त में बस पास उपलब्ध कराएगी।
सिसोदिया ने कहा कि निर्माण स्थल पर काम कर रहे बेलदार, मिस्त्री, बढ़ई, इलेक्ट्रिशन, गार्ड व अन्य मजदूर इसका लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा निर्माण श्रमिकों के साथ खड़ी रही है। कोरोना काल में भी दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के सुविधाओं का ध्यान रखा था। उनको आर्थिक सहयोग देने के साथ-साथ उनकी हर सुविधाओं का ध्यान रखा गया था।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में निर्माण श्रमिकों की संख्या लगभग 11 लाख है। इसमें नौ लाख लोग श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत भी हैं।
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