नई शिक्षा नीति के तहत देशभर के स्कूली बच्चे विषयों को पढ़ने और समझने के लिये एक अलग आभासी तकनीक से रूबरू होंगे, जिससे उन्हें किताबों के बाहर वर्चुएलिटी लैब में एनसीईआरटी के विषयों के टॉपिक को देखते हुये समझने का अवसर मिलेगा।
जानकारी के अनुसार, ‘मिलियन न्यूरोन’ के तहत कक्षा-7 से 10वीं के विद्यार्थी वर्चुअल मेटावर्स लैब के माध्यम से सभी विषयों की पढ़ाई आसानी से कर सकेंगे। इनवैक्ट मेटावर्सिटी दुनिया का अपनी तरह की पहली थ्रीडी लर्निंग वाला वर्चुअल प्लेटफॉर्म होगा। इसमें दुनियाभर के स्टूडेंट्स धरती के किसी भी कोने में मौजूद रहकर एनिमेटेड अवतार्स के जरिए दूसरे स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ कम्यूनिकेशन कर सकेंगे।

इतना ही नहीं जैसे कि स्टूडेंट्स कोचिंग या स्कूल से एक साथ घूमते हुए बाहर आते हैं वह इस वर्चुअल दुनिया में एक दूसरे के साथ घूम सकेंगे इससे उन्हें अलग अलग चीजें एक ही टाइम पर सीखने का मौका मिलेगा। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब ऑनलाइन पढ़ाई की दुनिया में कम्युनिटी का टच मिल जाएगा।
वर्चुअल माध्यम से तनावमुक्त पढ़ाई
अभी स्कूली बच्चे इतिहास, कॉमर्स, साइंस या अन्य विषयों में किताबें पढ़कर भी कई टॉपिक समझ नहीं पाते हैं। जिससे पढाई का तनाव बढ़ जाता है। उन्होंने एनसीईआरटी सिलेबस पर आधारित किताबों को वर्चुअल मेटावर्स लैब से जोड़ा है, जिसमें बच्चे गेम्स की तरह खेलते हुये फ्रांस की क्रांति हो या जलवायु परिवर्तन सभी जटिल विषयों को समझ सकेंगे। इस तकनीक में बच्चों को याद करके लिखने वाली ‘मेमोरी बेस्ड लर्निंग’ के स्थान पर सोचकर लिखने वाली ‘थिंकिंग बेस्ड लर्निंग’ से जोडा जायेगा। स्कूल में वे मेटावर्स लैब में बैठकर एक अलग दुनिया का अहसास करेंगें।
रटने की बजाए सोचकर लिखेंगे
उन्होंने बताया कि इस तकनीक में बच्चे किताबों से बाहर निकलकर एक आभासी वातावरण में बैठकर अंतरिक्ष, पर्यावरण, गुरुत्वाकर्षण सहित भूगोल, इतिहास एवं विज्ञान में प्रत्येक विषय के जटिल प्रश्नों को आसानी से हल कर देंगे। वे रटने के स्थान पर सोचकर लिखेंगे।
इतना ही नहीं, मेटावर्स में गेम्स की तरह खेलते हुये उन्हें अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का अवसर भी मिलेगा। वे चेप्टर को केवल सुनेंगे ही नहीं, उस पर सवाल-जवाब भी करेंगे। किसी विषय को चुनकर मनपसंद टॉपिक को पढ़ना, टीम के साथ गेम्स खेलते हुये समझना, खुद की इच्छा से कुछ नया करने जैसे विकल्प मिलने से वे एक अलग दुनिया में रहकर पढाई करेंगे।
स्कूलों में मेटावर्स लैब खोलने की योजना
इस नई तकनीक में अलग-अलग कक्षाओं में बच्चों को विषयों के एनसीईआरटी सिलेबस की बेसिक जानकारी देकर उन्हें वर्चुअल लर्निंग के लिये प्रेरित किया जायेगा जिससे वे स्कूल जाने में रुचि लेंगें। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये स्कूली बच्चे जब, जहां, जैसा पढ़ना चाहेंगे, उन्हें उसकी पूरी जानकारी मिल जायेगी।
इसमें सिलेबस भी अपडेट किए जाएंगे। इसके पहले चरण की शुरूआत दिल्ली एव नोएडा के स्कूलों से की जायेगी। उसके बाद देश के विभिन्न राज्यों के स्कूलों में मेटावर्स लैब खोलने की योजना है। ये नई शिक्षा नीति के अनुसार वर्चुअल लैब की तरह ही होंगी।
क्या है इनवैक्ट मेटावर्सिटी
इनवैक्ट मेटावर्सिटी दुनिया का अपनी तरह की पहली थ्रीडी लर्निंग वाला वर्चुअल प्लेटफॉर्म होगा। इसमें दुनियाभर के स्टूडेंट्स धरती के किसी भी कोने में मौजूद रहकर एनिमेटेड अवतार्स के जरिए दूसरे स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ कम्यूनिकेशन कर सकेंगे। इतना ही नहीं जैसे कि स्टूडेंट्स कोचिंग या स्कूल से एक साथ घूमते हुए बाहर आते हैं वह इस वर्चुअल दुनिया में एक दूसरे के साथ घूम सकेंगे इससे उन्हें अलग अलग चीजें एक ही टाइम पर सीखने का मौका मिलेगा। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब ऑनलाइन पढ़ाई की दुनिया में कम्युनिटी का टच मिल जाएगा।
मेटावर्स में क्या कर पाएंगे
मेटावर्स में किसी काम को करने की कोई सीमा नहीं होगी। वर्क फ्रॉम होम की दुनिया में इस तकनीक को सबसे बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। जैसे हीम रीयल लाइफ में शॉपिंग करते हैं, पेंटिंग देखके या बनाते हैं, मूवी देखने जाते हैं ऐसे साभी काम हमें मेटावर्स की दुनिया में भी कर पाएंगे।