IndiGo flight accident: आकाश में उड़ान भरने के बाद, जब धरती से मिलना होता है, तो वह पल सबसे सुरक्षित होना चाहिए। लेकिन शुक्रवार शाम रांची हवाई अड्डे पर एक इंडिगो विमान के साथ जो हुआ, वह इस भरोसे को झकझोर गया।
IndiGo flight accident: रांची में इंडिगो विमान का डरावना हादसा, रनवे पर टकराया पिछला हिस्सा!
IndiGo flight accident: रनवे पर क्या हुआ?
शुक्रवार (12 दिसंबर) को भुवनेश्वर से रांची आ रही इंडिगो की एक फ्लाइट रांची हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान रनवे से टकरा गई। इस जोरदार झटके से केबिन में बैठे लगभग 70 यात्री सहम गए, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी को भी गंभीर चोट नहीं आई। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शाम करीब 7:30 बजे हुई, जब विमान सामान्य मौसम में रनवे पर उतर रहा था। रांची हवाई अड्डे के निदेशक विनोद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विमान का पिछला हिस्सा लैंडिंग के समय रनवे से टकराया।
उन्होंने कहा, “यात्रियों को अचानक झटका लगा, लेकिन सभी सुरक्षित और आहत रहे। उन्होंने ग्राउंड क्रू की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की।” आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह एक ऐसी घटना थी जिसने पल भर के लिए यात्रियों की साँसें रोक दी थीं।
घटना के तुरंत बाद, विमान को तकनीकी रूप से उड़ान के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दिया गया और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के दिशानिर्देशों के तहत मानक प्रक्रिया के अनुसार गहन रखरखाव जांच के लिए रोक दिया गया। विमानन सुरक्षा नियमों के तहत ऐसे हादसों की विस्तृत जांच अनिवार्य होती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यात्रियों की परेशानी और एयरलाइन का कदम
इस घटना के कारण भुवनेश्वर लौटने वाली इंडिगो की निर्धारित उड़ान रद्द कर दी गई। यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा: कुछ ने अपनी यात्रा रद्द कर दी, कुछ ने बाद की उड़ानों के लिए टिकट बदलवाए, और कुछ को सड़क मार्ग से भुवनेश्वर भेजा गया, जो लगभग 400 किलोमीटर की 8 घंटे की लंबी यात्रा थी। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए जलपान और वैकल्पिक व्यवस्था सहित सहायता प्रदान की।
इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइन के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति थी, जहाँ उन्हें तुरंत यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करनी थी। ऐसे में, कुशल आपदा प्रबंधन और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता विमानन सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
किसी भी यात्री को चोट न लगना आधुनिक विमान डिजाइन और सीटबेल्ट प्रोटोकॉल की मजबूती को दर्शाता है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा इस घटना की जांच किए जाने की संभावना है, क्योंकि विमान के पिछले हिस्से से टकराने की घटनाओं की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर देनी होती है और यदि ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं तो पूरे बेड़े की समीक्षा की जा सकती है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को पहले भी इसी तरह की कठिन लैंडिंग का सामना करना पड़ा है, लेकिन उसका सुरक्षा रिकॉर्ड काफी अच्छा माना जाता है। यह सुनिश्चित करना कि ऐसी घटनाएं न हों, देशज टाइम्स का भी एक अहम कर्तव्य है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


