इंडोनेशिया में हुए आतंकी हमले में कम से कम 10 लोग मारे गए और दो अन्य घायलों की हालत गंभीर है। यह हमला देश के पूर्वी प्रांत पापुआ के नदुगा में शनिवार को हुआ। पुलिस के मुताबिक यह अलगाववादी आतंकी समूह का वीभत्स कृत्य है।
पुलिस ने बताया कि आतंकी समूह ‘केकेबी’ ने जिले की चार अलग-अलग जगहों पर हमले किए। एक ट्रक को निशाना बनाया। उसमें करीब 20 लोग सवार थे। मृतकों के शव बरामद कर लिए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केकेबी आतंकी समूह द्वारा किया गया यह हिंसक हमला एक आतंकवादी घटना है। पुलिस हमले को लेकर जांच की बात कह रही है, इस हमले के कारणों को लेकर जांच की जाएगी।
हमले को लेकर और अधिक जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि, आतंकी समूह ‘केकेबी’ ने जिले की चार अलग-अलग जगहों पर हमलों को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि एक हमला आतंकियों द्वारा एक ट्रक पर घात लगाकर किया गया, जिसमें करीब 20 लोग सवार थे।
हमले के दौरान आतंकियों ने करीब 50 मीटर की दूरी से ट्रक को निशाना बनाया। वारदात के बाद पुलिस ने मृतकों के शव बरामद कर लिए हैं। साथ ही घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले में करीब 10 लोग मारे गए हैं और दो घायल हैं। इससे पहले भी कई बार आतंकी हमलों को झेल चुका है।
15 अप्रैल 2011- पश्चिमी जावा शहर में एक आत्मघाती हमलावर ने मस्जिद में धमाका किया। इस हमले में हमलावर की मौत हुई और 28 लोग घायल हो गए।
1 अक्टूबर 2005- बाली के दो शहरों जिमबारन और कुटा में सीरीयल ब्लास्ट और सीरीयल कार ब्लास्ट हुए थे। इस आतंकी हमले में 20 लोगों की मौत हुई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। साथ ही तीनों हमलावर भी मारे गए थे।
28 मई 2005- सुलावेसी के टेनटेना बाजार में 15 मिनट की देर से दो विस्फोट हुए थे। इस हमले में 22 लोगों मारे गए थे जबकि 40 से अधिक घायल हुए थे।
13 नवंबर 2004- सुलावेसी के पोसो शेहर में एक बस में धमाका किया गया था। इस धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी जबकि तीन घायल हुए थे।
9 सितंबर 2004- जकार्ता में ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर एक कार में धमाका किया गया था। इस हमले में हमलावर सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हुई थी और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। जेमाह इस्लामिया ने हमलों की जिम्मेदारी ली थी।
31 दिसंबर 2003- असेह में एक कॉन्सर्ट के दौरान धमाके किए गए थे। धमाकों ने तीन बच्चों सहित 10 लोगों की जान ली थी जबकि 45 घायल हुए थे। इंडोनेशिया की सेना ने फ्री असेह मूवमेंट को इन हमलों का जिम्मेदाप ठहराया था।
5 अगस्त 2003- एक आत्मघाती हमलावर ने जेडब्ल्यू मेरियट होटल के बाहर एक कार में धमाका किया था। इस हमले में 12 लोगों की मौत हुई थी जबकि 150 लोग जख्मी हुए थे। मरने वालों में एक डच व्यापारी, एक दानिश और दो चीनी सैलानी भी शामिल थे।
12 अक्टूबर 2002- बाली के टूरिस्ट स्पॉट पर भी आतंकी हमला हो चुका है। ये हमला इंडोनेशिया के इतिहास में सबसे खौफनाक हमलों में से एक माना जाता है। इस हमले में कम से कम 202 लोगों की जानें गई थीं, जिसमें 88 ऑस्ट्रेलियाई और 38 इंडोनेशिया के रहनेवाले थे। धमाके में 240 लोग घायल हुए थे। हमले का आरोपी तीन आतंकवादियों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में मौत की सजा सुनाई गई थी।
24 दिसंबर 2000- अल कायदा और जेमाह इस्लामिया ने मिलकर क्रिस्मस ईव पर कई सीरीज ब्लास्ट किए। जकार्ता, पेकानबारू, मेदान, बानडुंग, बातम द्वीप, मोजोकेर्तो, माताराम और सुकाबुमी के गिरजाघरों में धमाके किए गए थे। जिसमें 18 लोगों की जानें गई थीं जबकि कई घायल हुए थे।
21 जनवरी 1985- इंडोनेशिया के जावा में एक बौद्ध मंदिर में आतंकी हमला किया गया था। इस हमले में किसी की जान नहीं गई थी लेकिन नौ बम धमाकों से 9 स्टूपों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा था। एक नेत्रहीन धर्मवक्ता हुसैन अली अल हबसी को इन धमाकों का दोषी करार दिया गया था और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।