Kerala Tiger Capture: जंगल से भटककर आबादी में घुसे शिकारी का अंत… या नई शुरुआत? केरल के पथनमथिट्टा जिले में पिछले दो महीनों से आतंक मचा रहे एक बाघ को आखिरकार पकड़ लिया गया है। यह बाघ पालतू जानवरों को लगातार अपना निशाना बना रहा था, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल था।
Kerala Tiger Capture: केरल में मवेशियों का शिकारी बाघ ‘Kerala Tiger Capture’ पिंजरे में, इलाके में पसरी ख़ुशी की लहर!
केरल के पथनमथिट्टा जिले में पिछले दो महीनों से आबादी वाले इलाकों में घुसकर मवेशियों पर हमला कर रहा एक वयस्क बाघ आखिरकार सोमवार को वन विभाग के बिछाए जाल में फंस गया। अधिकारियों ने बताया कि इस सफल अभियान से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वडासेरीकारा के पास कुंबलथमन क्षेत्र में इस बाघ की मौजूदगी की खबरें लगभग दो महीनों से मिल रही थीं। यह खूंखार शिकारी लगातार पालतू जानवरों को अपना निशाना बना रहा था, जिससे ग्रामीण दहशत में थे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Kerala Tiger Capture: दो महीने से जारी था आतंक
वन विभाग के कर्मियों ने इलाके में लगातार कैमरों से निगरानी की, जिससे इस बाघ की गतिविधियों की पुष्टि हुई। कैमरे में कैद तस्वीरों ने विभाग को अपनी रणनीति बनाने में मदद की। अधिकारियों ने बताया कि वन क्षेत्र से सटे कुंबलथमन में इस बाघ ने कई भैंसों, कुत्तों और बकरियों को मार डाला था। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते वन्यजीव संघर्ष की ओर इशारा करती है।
रविवार को भी एक सुनसान जगह पर एक बकरी मृत पाई गई थी, जिसका शिकार बाघ ने ही किया था। इसके बाद, वन विभाग के अधिकारियों ने फौरन कार्रवाई करते हुए बकरी के कंकाल को एक पिंजरे के पास प्रलोभन के रूप में रखा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सोमवार तड़के जब बाघ शिकार की तलाश में वहां पहुंचा, तो वह पिंजरे में फंस गया। इस प्रकार के वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं रोकने के लिए जनजागरूकता बेहद ज़रूरी है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
आगे क्या होगा इस बाघ का?
पकड़े गए बाघ को तत्काल चिकित्सीय जांच के लिए पास के वन केंद्र ले जाया गया है। डॉक्टरों की टीम उसकी सेहत की जांच करेगी और उसकी स्थिति का आकलन करेगी। एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि हालांकि मवेशियों के मारे जाने की घटनाओं से स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल था, लेकिन इस बाघ ने कभी किसी इंसान पर हमला नहीं किया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चिकित्सकीय रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि बाघ को वापस जंगल में उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाए या उसे निगरानी में किसी वन्यजीव अभयारण्य में रखा जाए।




