पंजाब के लुधियाना जिला अदालत परिसर में विस्फोट में मारे गये व्यक्ति की पहचान कर ली गई है। वह राज्य पुलिस का एक बर्खास्त हेड कॉन्टेबल था। उसे ड्रग्स तस्करी के मामले में 2019 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। यह बात डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने बताई।
डीजीपी ने बताया कि गगनदीप सिंह लुधियान के खन्ना का रहने वाला था। उसे ड्रग्स तस्करी के एक मामले में पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। वह कोर्ट में ब्लास्ट के लिए विस्फोटक लगा रहा था उसी दौरान यह ब्लास्ट हो गया।
लुधियाना जिला न्यायालय परिसर में हुए ब्लास्ट में मारे गए शख्स की पहचान हो चुकी है। शख्स की पहचान पंजाब पुलिस के बर्खास्त हेड कांस्टेबल गगनदीप सिंह के रूप में हुई है।
खन्ना के लल्हेरी रोड स्थित प्रोफेसर कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय गगनदीप सिंह को एसटीएफ ने मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह सदर थाने में मुंशी के पद पर तैनात था। उसे 2019 में निकाल दिया गया और दो साल उसने जेल में बिताए। उसे सितंबर में रिहा किया गया था। हालांकि पुलिस ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन पुलिस उसके खन्ना स्थित निवास में पहुंची और जांच पड़ताल की है।

जेल में खालिस्तानियों के संपर्क में आया
डीजीपी ने बताया कि आरोपी गगनदीप सिंह कोर्ट के रेकॉर्ड रूम को विस्फोट से उड़ाना चाहता था। उसकी योजना थी कि रेकॉर्ड रूम में ब्लास्ट के बाद सारे दस्तावेज नष्ट हो जाएंगे और उसके खिलाफ ड्रग्स तस्करी का कोई सबूत नहीं बचेगा। गगनदीप जब दो साल जेल में था उसी दौरान खालिस्तानियों के संपर्क में आया था।
लुधियाना विस्फोट मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। सुबह ही लुधियाना के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने दावा किया था कि इस मामले में पुलिस के हाथ बड़ा सुराग लगा है।
इधर, शुक्रवार को लुधियाना पहुंचे केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है। सेंट्रल और स्टेट एजेंसी मिलकर काम करेंगी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। बहुत जल्द एजेंसियां नतीजे पर पहुंचेंगी।
दो साल जेल में रहा गगनदीप
गगनदीप सिंह की पहचान उसके मोबाइल में मिले सिम कार्ड के जरिए की गई। डीजीपी ने बताया कि ड्रग्स केस में गिरफ्तार होने के बाद गगनदीप ने दो साल जेल में भी काटे थे।
शरीर पर मिला था टैटू
आपको बता दें कि अदालत परिसर में विस्फोट की घटना गुरुवार को हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि छह अन्य घायल हो गए थे। मारे गए शख्स के शरीर पर एक टैटू बना मिला था। यह टैटू भी राज खोलने में मददगार बना।