इंदौर न्यूज़: मध्य प्रदेश में नक्सलवाद के मुद्दे पर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस समस्या को लेकर पार्टी का रवैया दोहरा रहा है, जबकि भाजपा सरकार ने इसे जड़ से उखाड़ फेंका है। आखिर क्या हैं सीएम के दावे और क्यों गरमाई है यह बहस?
नक्सलवाद पर कांग्रेस का ‘दोहरा चरित्र’
बृहस्पतिवार को इंदौर में संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नक्सलवाद के प्रति दोहरा रवैया अपनाया है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, राज्य में कांग्रेस के पिछले शासनकाल में नक्सलवाद एक विकराल समस्या थी, जिससे आम जनता त्रस्त थी। उन्होंने यह भी बताया कि उस दौरान नक्सलियों ने एक मंत्री की हत्या भी कर दी थी, जो तत्कालीन सरकार की असफलता को दर्शाता है।
यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की समस्या की मूल जड़ सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे, जो आज भी (नक्सली कमांडर) माड़वी हिड़मा के मारे जाने पर दुख व्यक्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने इस रवैये को कांग्रेस का ‘दोहरा चरित्र’ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस केवल आरोप लगाने की राजनीति में विश्वास रखती है और उसकी पिछली सरकारों ने नक्सलवाद जैसी गंभीर समस्याओं को जीवित रखा।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी कामयाबी का दावा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने राज्य से नक्सलवाद की समस्या को जड़ से खत्म कर दिया है। उन्होंने बताया कि अब मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिले नक्सलियों से लगभग पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। यह उनकी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे इन क्षेत्रों में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
सरकार की दो साल की उपलब्धियां: विकास की राह पर मध्य प्रदेश
मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने अपनी सरकार के पिछले दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अवधि में महिलाओं, किसानों, युवाओं और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों के हितों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने अपनी सरकार की प्रगति के आंकड़े भी साझा किए। यादव ने कहा कि राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या दोगुनी हो गई है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार आया है। इसके साथ ही, औद्योगिक विकास दर ने राष्ट्रीय औसत को भी पार कर लिया है, जो राज्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था का संकेत है। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि उनकी सरकार मध्य प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।


