Maharashtra Local Elections: महाराष्ट्र की सियासी जमीन पर बिछी चुनावी बिसात, नतीजों ने साफ कर दिया कि जनता का मिजाज किस ओर है। बड़े चुनावों से पहले हुए इस शक्ति परीक्षण में कुछ ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया, तो कुछ को करारा झटका लगा है। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी धाक जमाई है, जबकि महाविकास आघाड़ी को बड़ा झटका लगा है।
Maharashtra Local Elections: महायुति का दबदबा
महानगरपालिका चुनावों के बड़े रिहर्सल के तौर पर देखे जा रहे महाराष्ट्र के 288 सीटों पर हुए दो चरणों के नगर परिषद चुनाव और नगर पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। भाजपा की सहयोगी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना दूसरे स्थान पर रही, जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट तीसरे पायदान पर रहा। वहीं, कांग्रेस को छोड़कर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। इन चुनावों में महायुति के घटक दलों ने अधिकांश स्थानों पर अलग-अलग चुनाव लड़ते हुए भी शानदार प्रदर्शन किया है। रविवार को घोषित हुए परिणामों में महायुति ने 288 में से 207 नगराध्यक्ष पदों पर कब्जा जमाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। महाविकास आघाड़ी को कुल 44 सीटें मिलीं, जबकि अन्य के खाते में 37 सीटें गईं। भाजपा को अकेले 117 सीटों पर जीत मिली, शिंदे सेना ने 53 और अजित पवार गुट ने 37 सीटें जीतीं। महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 28 सीटें जीतीं, जबकि उद्धव ठाकरे गुट को 9 और शरद पवार गुट को केवल 7 सीटों से संतोष करना पड़ा। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव से पहले आए इन नतीजों को शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि राज ठाकरे की मनसे इन चुनावों में खाता भी नहीं खोल पाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जनादेश को ‘विकास की राजनीति की जीत’ बताया और कहा कि यह जीत केंद्र और राज्य सरकार के जन-केंद्रित विकास के विजन पर महाराष्ट्र की जनता के अटूट विश्वास को दर्शाती है।
भाजपा नेताओं ने इसे स्पष्ट जनादेश करार दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने कहा कि जनता ने विपक्ष के झूठे नैरेटिव को पूरी तरह नकार दिया है और यह एक वास्तविक जनादेश है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया कि महायुति दो-तिहाई सीटों पर आगे है, जो जनता के समर्थन को दिखाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। हालांकि, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने चुनाव आयोग पर महायुति की मदद करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कटाक्ष करते हुए चुनाव आयोग को बधाई दी। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी और चुनाव में धन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए। पार्टी नेता अंबादास दानवे ने भी कहा कि महायुति की जीत ‘पैसे और ताकत’ के दम पर हुई है।
विपक्ष को भी मिली कुछ सफलता
इन नतीजों के बीच कुछ स्थानों पर विपक्ष को भी सफलता मिली है। चंद्रपुर की ब्रह्मपुरी नगर परिषद में कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के साथ-साथ 23 में से 21 सीटों पर जीत हासिल की। सांगली जिले की उरुण-ईश्वरपुर नगर परिषद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार गुट) ने 23 सीटों और अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाया। पालघर जिले में शिंदे गुट की शिवसेना ने पालघर और दहानू में अध्यक्ष पद जीते, जबकि भाजपा ने जव्हार और वाडा में जीत दर्ज की। यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर अभी भी विपक्ष की पकड़ बनी हुई है।
भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इन परिणामों को बार-बार ‘विकास-केंद्रित अभियान’ की सफलता के रूप में प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह जनादेश जनता के ‘जन-केंद्रित विकास’ में अटूट विश्वास को दर्शाता है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन ने चुनाव प्रचार के दौरान व्यक्तिगत हमलों से परहेज किया और इसके बजाय शासन, बुनियादी ढांचे और शहरों व कस्बों के लिए भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
इन नगर परिषद चुनाव के परिणामों ने आगामी बड़े महानगरपालिका चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत दिया है। यह स्पष्ट हो गया है कि जनता विकास के एजेंडे को प्राथमिकता दे रही है, और महायुति ने इस भावना को भुनाने में सफलता प्राप्त की है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




