Mamata Banerjee Waqf Property: वक्फ संपत्तियों का विवाद पश्चिम बंगाल में अब राजनीतिक रणभूमि बन चुका है। एक तरफ ममता सरकार संरक्षण का दावा कर रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष अतिक्रमण और पारदर्शिता पर सवाल उठाकर हमलावर है। यह मुद्दा अब सियासी गलियारों में नई चिंगारी सुलगा रहा है।
Mamata Banerjee Waqf Property: पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों के संरक्षण पर सीएम का बड़ा बयान
Mamata Banerjee Waqf Property पर सीएम का रुख
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ संपत्तियों के संरक्षण को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। बृहस्पतिवार को नदिया के कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों को मौजूदा नियमों के तहत ही सख्ती से संरक्षित किया जाएगा और किसी को भी इन्हें जबरन अधिग्रहित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि वक्फ संपत्ति में नियमों का पालन होगा। अब मुतवल्ली (मस्जिद के न्यासी) इसका पालन करेंगे। हम किसी को भी वक्फ संपत्ति हासिल करने की अनुमति नहीं देंगे।”
सीएम बनर्जी ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने 10,000 कब्रिस्तानों के निर्माण और ओबीसी आरक्षण लाभों के विस्तार जैसे उपायों का उल्लेख किया। इस तरह के बयान पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक अहम संदेश देते हैं।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय से भारी समर्थन हासिल करने के बावजूद मुख्यमंत्री ने उन्हें वक्फ के मुद्दे पर अब नजरअंदाज कर दिया है। अधिकारी ने दावा किया, “जिसे 2021 में 92 प्रतिशत और 2024 में 91 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले थे, उसने अब वक्फ के मुद्दे पर समुदाय को गड्ढे में धकेल दिया है।” आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
शुभेंदु अधिकारी ने यह भी दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने वक्फ की कई एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। उनके अनुसार, यही वजह है कि सरकार केंद्र के ‘उम्मीद’ पोर्टल पर संपत्ति के आंकड़े अपलोड करने की प्रक्रिया में देरी कर रही है। हालांकि, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1, जो आपको हर ख़बर की गहराई तक ले जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्य राज्यों ने वक्फ संपत्ति के विवरण तुरंत अपलोड कर दिए हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की कथित “उदासीनता” के कारण लगभग 80,000 संपत्तियां लंबित पड़ी हैं। यह मुद्दा निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ले रहा है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वक्फ संपत्ति विवाद और केंद्रीय हस्तक्षेप
अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा 27 अक्टूबर, 18 नवंबर और चार दिसंबर को तीन पत्र भेजे गए थे। इसके बाद ही मुख्यमंत्री के सचिव पी.बी. सलीम ने जिला मजिस्ट्रेटों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इस मामले पर सक्रिय रूप से नज़र रख रही है।
इस मुद्दे पर निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने भी मुख्यमंत्री के बयान को “टीएमसी के दोहरे मापदंड” का पर्दाफाश करने वाला बताया। कबीर ने कहा, “पहले उन्होंने कहा था कि वे वक्फ संशोधन अधिनियम लागू नहीं करेंगी, लेकिन फिर उनकी सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया। और अब वे जनता को गुमराह करने के लिए फिर से भ्रामक बयान दे रही हैं। टीएमसी सिर्फ वोटों के लिए इस समुदाय का इस्तेमाल कर रही है।” आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह बयान राजनीतिक गलियारों में गरमागरम बहस का विषय बन गया है।




