मई,19,2024
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सिसोदिया बोले, CBI अफसर पर मुझपर कार्रवाई का बनाया गया दबाव, उसने कर लिया सुसाइड…आया जवाब

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीआई के अफसर लीगल एडवाइजर जितेंद्र कुमार की सुसाइड को अपने केस से जोड़ते हुए आज मोदी सरकार बड़ा दावा और हमला बोला है। सिसोदिया ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी की आत्महत्या को लेकर सोमवार को प्रेस वार्ता करते कहा कि अधिकारी के ऊपर गलत तरीके से दबाव बनाया गया कि वह मेरे ऊपर गैरकानूनी और फर्जी तरीके से केस दर्ज करने की इजाजत दें।

सिसोदिया के मुताबिक, उन पर शराब नीति के मामले में जो एफआईआर कराई गई है, उसका लीगल मामला वही देख रहे थे। मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि पता चला है कि उनके ऊपर मेरे खिलाफ गलत तरीके से केस बनाने का दबाव डाला जा रहा था। ताकि मुझे गिरफ्तार किया जा सके। लेकिन वे मंजूरी नहीं दे रहे थे।

सीबीआई में लीगल एडवाइजर जितेंद्र कुमार के ऊपर भी मानसिक रूप से दबाव बनाया जा रहा था। अधिकारी पर दबाव बनाकर उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया। उनकी गिरफ्तारी की मंजूरी देने के लिए दबाव में सीबीआई के लीगल अडवाइजर जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या की। सिसोदिया ने इस दौरान बीजेपी की ओर से किए गए ‘स्टिंग ऑपरेशन’ को मजाक करार देते हुए कहा कि सीबीआई को उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला है।

सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप मुझे फंसाना चाहते हैं, फंसा लीजिए। मेरे ऊपर रेड करना चाहते हैं, मेरे ऊपर रेड करा लीजिए। मेरे पर फर्जी एफआईआर भी दर्ज करवाना चाहते हैं, करवा लीजिए, जो करना है, कर लीजिए। लेकिन इस तरह से अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर मत कीजिए। इस तरह की घटनाओं से परिवार उजड़ रहे हैं। मैं बहुत आहत हूं।

सिसोदिया ने कहा, ”सीबीआई ने मेरे घर पर, मेरे बैंक लॉकर की जांच की उसमें भी उन्हें कुछ नहीं मिला। दो कंपनी के लेन देंन को मेरे ऊपर थोपने की कोशिश की। मगर सीबीआई जांच में मुझे लगभग क्लीन चिट मिल गई है। तो अब गाड़ी में पता नहीं किससे सवाल-जवाब करके उसे स्टिंग बताया जा रहा है इस तरह के मेरे पास भी पास भी स्टिंग है मैं भी चला सकता हूं। लेकिन भाजपा का स्टिंग नहीं मजाक है….।

सिसोदिया ने आगे प्रधानमंत्री से तीन प्रश्न पूछे। स्टिंग ऑपरेशन पर अपनी बात रखते हुए सिसोदिया ने कहा कि भाजपा पिछले कई दिनों से चिल्ला रही है कि घपला हो गया, घपला हो गया। करोड़ों रूपये का का घपला हो गया। सीबीआई से जांच कराई, छापेमारी कराई गई, लेकिन उसके बावजूद भी कुछ नहीं मिला। सब कुछ झूठ और योजनाबद्ध है।

इधर, केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयानों का खंडन किया है। शीर्ष जांच एजेंसी ने कहा है कि उनके बयान आबकारी मामले में उनके खिलाफ चल रही जांच से ध्यान भटकाने के लिए हैं। सीबीआई ने कहा कि आबकारी नीति की जांच की जा रही है। किसी भी आरोपित को क्लीन चिट नहीं दी गई है। मनीष सिसोदिया का ‘शरारती और भ्रामक’ बयान दिल्ली आबकारी नीति मामले में चल रही जांच से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है। साथ ही सीबीआई अधिकारी की मौत की जांच की कार्रवाई में हस्तक्षेप है।

सीबीआई का ताजा बयान मनीष सिसोदिया के आरोप के बाद आया है। सिसोदिया ने एक सीबीआई अफसर की आत्महत्या को अपने खिलाफ जारी जांच से जोड़ा था। उन्होंने कहा था कि अफसर पर उन्हें फंसाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। दबाव के चलते ही अफसर ने आत्महत्या कर ली।

सिसोदिया के बयान को सीबीआई ने शरारतपूर्ण और भ्रामक बताते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि सीबीआई अधिकारी जितेंद्र कुमार किसी भी तरह से मामले की जांच से जुड़े नहीं थे। वे दिल्ली में पहले से ही आरोप-पत्रित मामलों की सुनवाई कर रहे अभियोजकों की निगरानी कर रहे थे। मौत की जांच कर रही दिल्ली पुलिस का कहना है उन्होंने अपने सुसाइड नोट में किसी को भी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है।

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