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17 अगस्त, 2024
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिर अपने ही घर में नजरबंद, बोला केंद्र पर हमला

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर उनके अपने ही घर में नजरबंद कर दिया गया है। यह नजरबंदी प्रशासन ने महबूबा मुफ्ती की सुरक्षा को देखते हुए की है।

महबूबा ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि कि भारत सरकार कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को गले से लगाना चाहती है क्योंकि इनकी कठोर नीतियों के कारण उन लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण लक्षित हत्या हुई हैं जिन्होंने भागने का विकल्प नहीं चुना। आज मुझे एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया है।

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में आगे कहा कि सुनील कुमार के परिवार से आज चोटीगाम में मिलने के मेरे प्रयासों को प्रशासन ने नाकाम कर दिया है। दूसरी ओर प्रशासन का दावा कि महबूबा की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें उनके घर के भीतर ही रखा गया है। पढ़िए पूरी खबर

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उन्हें घर में नजरबंद किया गया है। महबूबा ने रविवार को दावा किया कि उन्हें कश्मीरी पंडित सुनील कुमार भट के परिवार से मिलने से रोकने के लिए घर में नजरबंद करके रखा गया है। भट की हाल ही में शोपियां में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

मुफ्ती ने श्रीनगर के गुपकर इलाके में अपने आवास के बंद दरवाजों और बाहर खड़ी सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की एक गाड़ी की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कीं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ‘संवेदनहीन नीतियों’ के कारण कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार अपनी संवेदनहीन नीतियों के जरिये कश्मीरी पंडितों की दशा को और बदतर बनाना चाहती है। इन नीतियों के चलते उन लोगों की निशाना बनाकर हत्या की गई, जिन्होंने पलायन नहीं करने का फैसला किया। हमें अपने मुख्य दुश्मन के रूप में पेश करने की सोच के तहत मुझे आज नजरबंद करके रखा गया है।’

महबूबा मुफ्ती सोमवार को शाहिद अहमद राथर के घर जाने की योजना बना रही थीं। शाहिद की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी। वह मूल रूप से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले का निवासी था। दिहाड़ी मजदूर के तौर पर वह शोपियां के एक किसान के सेब के बगीचे में काम करता था।

पीडीपी के एक नेता ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए व्यक्ति के परिवार को सांत्वना देना अब अपराध हो गया है। साथ ही सवाल किया “क्या सरकार की ओर से किसी ने परिवार को सांत्वना देने के लिए उसके घर का दौरा किया है। क्या प्रशासन ने घटना की कोई जांच शुरू की है या पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की है?

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