Dog Bite Cases: शहरों में बढ़ती हुई आवारा कुत्तों की संख्या एक ऐसी अनकही चुनौती बन गई है, जो न केवल इंसानों के लिए खतरा है, बल्कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अवधारणा पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है।
मुंबई में भयावह Dog Bite Cases: आंकड़े चौंकाने वाले
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य विधान परिषद में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं, जिससे मुंबई और नागपुर जैसे प्रमुख शहरों में नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं। वर्ष 2024 के दौरान, मुंबई में कुत्तों के काटने के 1.28 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। इन आंकड़ों के साथ, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह समस्या कितनी विकराल हो चुकी है, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने हेतु बंध्याकरण (sterilization) और टीकाकरण (vaccination) जैसे महत्वपूर्ण उपाय शुरू कर दिए हैं। यह कदम आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण और सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों के लिए आवश्यक माने जा रहे हैं।
विधान परिषद में उठा मुद्दा: विधायकों ने जताई चिंता
शिंदे ने यह जानकारी शुक्रवार को राज्य विधान परिषद में सदस्यों सुनील शिंदे, वसंत खंडेलवाल और संदीप जोशी सहित अन्य के सवालों के लिखित जवाब में दी। इन विधायकों ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अंतर्गत आने वाले इलाकों में और नागपुर में भी आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
नागपुर में भी स्थिति कोई बेहतर नहीं है। उपमुख्यमंत्री के अनुसार, वर्ष 2024 में नागपुर में कुत्तों के काटने के 9,400 से अधिक मामले दर्ज किए गए। यह दर्शाता है कि यह समस्या केवल महानगरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों में भी इसका प्रभाव फैल रहा है।
समस्या का समाधान: क्या हैं सरकार के कदम?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में वर्ष 2024 में कुत्तों के काटने के मामलों की संख्या 1,28,252 रही, जो बेहद चिंताजनक है। इसी अवधि में, नागपुर महानगरपालिका (एनएमसी) की सीमा में कुत्तों के काटने के 9,427 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े शहरी जीवन में इस चुनौती की गंभीरता को उजागर करते हैं।
पशु कल्याण बोर्ड (Animal Welfare Board) के नियमों के अनुसार, ‘ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल’ के माध्यम से बीएमसी द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या में मामूली कमी आई है। वर्ष 2014 में जहां यह संख्या 95,172 थी, वहीं 2024 में यह घटकर 90,757 रह गई है। हालांकि, यह कमी संतोषजनक नहीं है क्योंकि कुत्तों के काटने के मामलों में अभी भी वृद्धि देखी जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस कमी के बावजूद, कुत्तों की आबादी नियंत्रण के लिए और अधिक प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
यह स्पष्ट है कि सरकार और संबंधित निकायों को इस मुद्दे पर और अधिक सक्रियता से काम करने की जरूरत है। केवल बंध्याकरण और टीकाकरण ही नहीं, बल्कि जन जागरूकता अभियान और जिम्मेदार पालतू पशु स्वामित्व को बढ़ावा देना भी इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।


