मई,19,2024
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Pandit Birju Maharaj: तबले की थाप और घुंघरुओं की जुगलबंदी के बेताज बादशाह, कथक सम्राट-पद्म विभूषण बिरजू महाराज का निधन,

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द्म विभूषण से सम्मानित दुनिया भर में मशहूर कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का रविवार देर रात निधन (Pandit Birju maharaj passes away) हो गया। 83 वर्षीय बिरजू को हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

Pandit Birju Maharaj: तबले की थाप और घुंघरुओं की जुगलबंदी के बेताज बादशाह, कथक सम्राट-पद्म विभूषण बिरजू महाराज का निधन,
Pandit Birju Maharaj: तबले की थाप और घुंघरुओं की जुगलबंदी के बेताज बादशाह, कथक सम्राट-पद्म विभूषण बिरजू महाराज का निधन,

बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक देर रात उन्हें हार्ट अटैक के बाद दिल्ली के साकेत अस्पताल ले जाया गया जहां लेकिन तब तक उनकी मौत हो गयी।पंडित बिरजू महाराज के निधन से भारतीय कला जगत ने एक दिग्गज कलाकार को खो दिया है। शीर्ष नर्तकों में शुमार बिरजू महाराज ने कथक नृत्य को नया आयाम दिया। कला जगत से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ के ‘कालका-बिन्दादीन घराने’ में हुआ था। बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) का नाम पहले दुखहरण रखा गया था। यह बाद  में बदल कर ‘बृजमोहन नाथ मिश्रा’ हुआ। इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो ‘लखनऊ घराने’ से थे और वे अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। बिरजू महाराज जिस अस्पताल में पैदा हुए, उस दिन वहां उनके अलावा बाकी सब लड़कियों का जन्म हुआ था, इसी वजह से उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया। जो आगे चलकर ‘बिरजू’ और फिर ‘बिरजू महाराज’ हो गया।

2012 में फिल्‍म विश्वरूपम में डांस कोरियोग्राफी के लिए उन्‍हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बाजीराव मस्तानी के ‘मोहे रंग दो लाल’ गाने की कोरियाग्राफी के लिए उन्‍हें वर्ष 2016 में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। मुंशी प्रेमचंद्र की कहानी पर आधारित फिल्‍म शतरंज के खिलाड़ी में भी उन्‍होंने डांस कंपोज और कोरियाग्राफर की भूमिका निभाई थी।

पंडित बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान समेत ढेरों सम्‍मान से नवाजा जा चुका था। इसके अलावा उन्‍हें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डाक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी। बिरजू महाराज को कथक में नये आयाम नृत्य-नाटिकाओं को जोड़ने और इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कत्थक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कलाश्रम की स्थापना की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज के निधन पर दुख जताते हुये कहा कि उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”

देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।

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