
पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में आठ साल पहले 27 अक्टूबर, 2013 के दिन पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे, सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट (Patna Blast) मामले में NIA कोर्ट ने सोमवार को नौ दोषियों को सजा का ऐलान किया।
इस धमाके के दौरान नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेता गांधी मैदान में मौजूद थे। गांधी मैदान से पहले एक धमका पटना जंक्शन पर भी हुआ था। इस धमाके में 6 लोगो की मौत हुई थी। वहीं करीब 89 लोग घायल हुए थे। इस मामले का अनुसंधान NIA ने अगले दिन से ही शुरू कर दिया था और महज एक साल के अंदर 21 अगस्त 2014 को कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
NIA के विशेष न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद चार दोषियों को फांसी (Death Sentence) और दो को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने दो दोषियों को 10 साल की सजा, जबकि एक को सात साल की सजा का ऐलान किया है।
एनआईए की टीम ने इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मोहम्मद फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और तौफिक अंसारी को गिरफ्तार किया था। गांधी मैदान ब्लास्ट का मास्टरमाइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह था। बताया जाता है कि बम धमाके के बाद वो डर गया था, इसलिए मौके से भागने की कोशिश की लेकिन तब तक पुलिस मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया गया था।
NIA कोर्ट ने 27 अक्टूबर को इस मामले में दस में से नौ आरोपियों को दोषी माना था, जबकि एक आरोपी को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। जिन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना था उसमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैशी के नाम शामिल हैं, जबकि फकरुद्दीन को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. सोमवार को इन सभी दोषियों को NIA कोर्ट में लाया गया।