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17 अगस्त, 2024
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जापान के प्रमुख अखबार योमियुरी शिम्बुन में छपा प्रधानमंत्री Narendra Modi का लेख…

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तोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी भाषा के एक अग्रणी अखबार में सोमवार को प्रकाशित एक लेख में कहा कि भारत और जापान मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण में योगदान देंगे, जहां सुरक्षित समुद्र हो, व्यापार तथा निवेश की अनुकूलताएं हों, जहां संप्रभुत्ता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो और जो अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करता हो।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर क्वाड नेताओं की शिखर वार्ता में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर तोक्यो पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘योमियुरी शिम्बुन’ अखबार में भारत और जापान के बीच जीवंत संबंधों पर एक लेख लिखा है।

जापान के सर्वाधिक लोकप्रिय और अग्रणी समाचार पत्र योमियुरी शिम्बुन ने सोमवार के अंक में जापान की यात्रा पर पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आलेख प्रकाशित किया है। यह लेख भारत एवं जापान के 70 वर्षों के रिश्तों और साझीदारी पर केंद्रित है।

जापानी भाषा में छपे इस लेख में प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के लंबे और जीवंत संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की साझीदारी शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

मोदी ने ट्विटर पर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस लेख में भारत एवं जापान की विशेष मित्रता की यात्रा को रेखांकित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर जापान पहुंचे हैं।

उन्होंने ट्वीट किया-‘हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए है। मैं 70 गौरवशाली वर्ष पूरे करने वाली हमारी विशेष मित्रता की जड़ें खोज रहा हूं। कोविड-19 महामारी के बाद की दुनिया में भारत-जापान के बीच करीबी सहयोग अहम है। दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम दोनों स्थिर एवं सुरक्षित हिंद-प्रशांत के अहम स्तंभ हैं। मुझे खुशी है कि हम विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भी निकटता से काम कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा-‘ मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री होने के दिनों से ही जापान के लोगों के साथ नियमित रूप से संवाद करने का अवसर मिलता रहा है। जापान की विकासात्मक प्रवृत्ति हमेशा प्रशंसनीय रही है। जापान बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष, स्टार्ट-अप समेत कई अहम क्षेत्रों में भारत के साथ भागीदारी कर रहा है।’

प्रधानमंत्री मोदी जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर टोक्यो पहुंचे हैं। मोदी ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस के साथ द्विपक्षीय बैठक को लेकर उत्साहित हैं।

प्रधानमंत्री के लेख का शीर्षक ‘भारत-जापान : शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए एक साझेदारी’ है जिसमें उन्होंने लिखा है ‘‘सामरिक रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थित दो लोकतंत्र होने के नाते हम स्थिर एवं सुरक्षित क्षेत्र के अहम स्तंभ हो सकते हैं। इसलिए हमारी साझेदारी विभिन्न क्षेत्रों तक बढ़ रही है। हमारे रक्षा संबंध अभ्यासों तथा सूचना के आदान-प्रदान से रक्षा विनिर्माण तक तेजी से बढ़ रहे हैं। हम साइबर, अंतरिक्ष और अंतर-समुद्री क्षेत्रों में काफी कुछ कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में चीन के आक्रामक कदमों के बीच कहा कि भारत और जापान मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण में योगदान देंगे, जहां सुरक्षित समुद्र हो, व्यापार तथा निवेश की अनुकूलताएं हों, जहां संप्रभुत्ता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो और जो अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करता हो।

उल्लेखनीय है कि चीन के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद हैं। चीनी सरकार विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताती है जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके हिस्सों पर अपना दावा जताते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। उसका पूर्वी चीन सागर को लेकर जापान के साथ भी विवाद चल रहा है।

मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद की दुनिया में भारत-जापान के बीच करीबी सहयोग अहम है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘हमारे देश लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम दोनों स्थिर एवं सुरक्षित हिंद-प्रशांत के अहम स्तंभ हैं। मुझे खुशी है कि हम विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भी निकटता से काम कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री होने के दिनों से ही जापान के लोगों के साथ नियमित रूप से संवाद करने का अवसर मिलता रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जापान की विकासात्मक प्रवृत्ति हमेशा प्रशंसनीय रही है। जापान बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष, स्टार्ट-अप समेत कई अहम क्षेत्रों में भारत के साथ भागीदारी कर रहा है।’’ यह लेख ‘योमियुरी शिम्बुन’ अखबार में प्रकाशित हुआ।

मोदी ने कहा, ‘‘क्षेत्र में तथा उसके अलावा क्वाड जैसे संस्थानों में एक जैसी विचारधारा वाले साझेदारों के साथ मिलकर हम सुरक्षा के अलावा विकास, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, निरंतरता, स्वास्थ्य, टीकों, क्षमता निर्माण और मानवीय आपदा प्रतिक्रिया के लिए कई कदमों को बढ़ावा दे रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र पूरी दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए अहम होगा। मोदी ने कहा, ‘‘विशेष, रणनीतिक, वैश्विक…. भारत-जापान साझेदारी को परिभाषित करने वाले इन तीन शब्दों में से प्रत्येक का विशेष महत्व है, हालांकि ये हमारे संबंधों की असल क्षमता को बयां करने के लिए कम हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर तोक्यो पहुंचे हैं। वह क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसका मकसद प्रभावशाली समूह के सदस्य देशों के बीच सहयोग मजबूत करना और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रमों पर चर्चा करना है। मोदी ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस के साथ द्विपक्षीय बैठक को लेकर उत्साहित हैं और इस दौरान वृहद रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग तथा परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

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