back to top
19 अगस्त, 2024
spot_img

Punjab and Haryana High Court का बड़ा फैसला, 17 साल में भी मुस्लिम लड़की कर सकती है शादी, युवा होने पर अपनी पसंद से शादी के लिए स्वतंत्र है मुस्लिम लड़की

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला Deshaj Times...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित मंच...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.COM
spot_img
Advertisement
Advertisement

पंजाब हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने कहा है कि युवा होने पर मुस्लिम लड़की अपनी पसंद से शादी के लिए स्वतंत्र है। यदि जोड़ा बराबरी (17-year-old Muslim girl has full right to marry of her choice) का है तो अभिभावक को इस पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है। परिवार के खिलाफ जाकर हिंदू लड़के से शादी करने वाली मुस्लिम लड़की की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों को सुरक्षा देने का आदेश दिया है।

दरअसल, एक याचिका में बताया गया कि 17 साल की मुस्लिम लड़के ने 33 साल से हिंदू लड़के से शादी कर ली। दोनों ने परिवार वालों के खिलाफ जाकर विवाह किया है और उनकी जान को खतरा है। शासन को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि याचिकाकर्ताओं ने अपने परिवार के मर्जी के बगैर शादी कर ली है, उन्हें संविधान में परिकल्पित मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।

देश में लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष कर दी गई है, केंद्र सरकार के इस फैसले का महिलाओं और कई जानकारों ने स्वागत किया। इस बीच पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मामले में 17 वर्षीय मुस्लिम लड़की के हक में फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने कहा कि यौवन प्राप्त कर चुकी लड़की अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति से शादी करने के लिए स्वतंत्र है। कोर्ट ने यह आदेश 17 वर्षीय मुस्लिम लड़की के अपनी मर्जी से 33 साल के एक शख्स से शादी करने मामले में दिया है।

लड़की के परिवार वालों का आरोप था कि शख्स ने उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर शादी की। न्यायमूर्ति हरनरेश सिंह गिल ने मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने वाले दंपति द्वारा दायर सुरक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

एक मीडिया रिपोर्ट में जज की टिप्पणी के हवाले से कहा गया कि, कानून में साफ है कि एक मुस्लिम लड़की की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा रजिस्टर होती है। सर दिनशाह फरदुनजी मुल्ला की पुस्तक ‘प्रिंसिपल्स ऑफ मोहम्मडन लॉ’ के अनुच्छेद 195 के अनुसार, याचिकाकर्ता संख्या 1 (लड़की) 17 वर्ष की होने के कारण, अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह का अनुबंध करने के लिए सक्षम है।

न्यायाधीश ने आगे कहा, याचिकाकर्ता नंबर 2 (उसका पति) की उम्र करीब 33 साल बताई जा रही है। इस प्रकार मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक याचिकाकर्ता नंबर 1 विवाह योग्य आयु की है। न्यायमूर्ति गिल ने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ताओं ने अपने परिवार के सदस्यों की इच्छा के खिलाफ शादी कर ली है, उन्हें संविधान में परिकल्पित मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।’

वहीं अपनी याचिका में कपल ने तर्क दिया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार, शादी और मतदान करने की उम्र एक समान है। मुस्लिम महिलाओं को 15 साल की उम्र से युवा माना जाने लगता है। कपल के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले में, पत्नी और पति दोनों की उम्र 15 वर्ष से अधिक है, इस प्रकार, उन्होंने वैध रूप से एक-दूसरे से शादी की है और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

जरूर पढ़ें

DARBHANGA में बड़ी वारदात — रात के सन्नाटे में पांच बदमाशों ने चलाई गोलियां, लोगों ने कहा, असुरक्षित महसूस करते हैं, क्या है मामले...

दरभंगा | जिले के कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र में सोमवार देर शाम एक बड़ी वारदात...

Darbhanga में दो कमरे, पांच क्लास… बच्चों के भविष्य से ‘ खिलवाड़ ‘, जानिए

दरभंगा | जिले के जाले नगर परिषद क्षेत्र के अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति...

मां बनने वाली थी रूपा, Darbhanga में दरिंदगी की हद, दहेज़ नहीं मिलने पर बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला, मां ने कहा — मेरी...

क्यों रे! दहेज के बिना बेटी की ज़िंदगी इतनी सस्ती हो गई? कानून है,...

‘इतनी बड़ी चोरी पहले कभी नहीं देखी’, 16 लाख की चोरी से कांपा Darbhanga, लोगों में दहशत, सहमा पूरा इलाका

दरभंगा, कुशेश्वरस्थान। थाना क्षेत्र के गोठानी पंचायत अन्तर्गत बसौल (गीदड़ गंज) गांव में बीती...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें