लखनऊ से इस वक्त बिहार से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है जहां पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लिया है। इस खबर से रेलवे ठेकेदार और बिहार के नरकटियागंज का हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र ठाकुर की हत्या मामले में नया मोड़ आ गया है।
जानकारी के अनुसार, लखनऊ की क्राइम ब्रांच टीम ने तीन युवकों को बिहार से उठाया है। ये लोग शूटर बताएं जा रहे है, जबकि इसको लेकर अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।
सूत्रों की माने तो लखनऊ में बीते दिनों हुई रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की हत्या में क्राइम ब्रांच ने तीन युवकों को बिहार के सिवान से उठाया है। इनके नाम बड़ हरिया थाने के अठखम्बा गांव से मंजर इकबाल, कासिफ कसान व सरफराज अहमद बताएं जा रहे हैं। पकड़े गए आरोपितों में एक शूटर नोएडा से बीटेक कर रहा है तो दो अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का छात्र बताएं जा रहे हैं।
इस मामले में अपर पुलिस उपायुक्त पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि पकड़े गए तीनों युवकों से पूछताछ में भी अभी तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आयी है कि इन लोगों ने वारदात को अंजाम दिया है। ये शूटर नहीं हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि इन्होंने हत्यारोपियों की मदद की है।
बताया जाता है कि कैंट केनीलमथा इलाके में रहने वाले रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की हत्याकांड में पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। पुलिस को बीकेटी इलाके से ठेकेदार के तीनों सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल मिले थे। तीनों ने मोबाइल एक गांव में फेंक दिया था। तीनों मोबाइल गांव के तीन लड़कों ने उठा कर प्रयोग करना शुरू कर दिया था।
सुरक्षाकर्मी के मोबाइल को सर्विंलास पर लेने वाली टीम जब इन तीनों लड़कों तक पहुंची तो पता चला कि उन्हें यह मोबाइल एक पेड़ के नीचे मिले थे। वहीं बिहार गई पुलिस टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे है। वहां पर पुलिस को वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर के दुश्मनों की लंबी सूची मिली। जिसे देखने केबाद पुलिस के होश उड़ गये। पुलिस अब इन दुश्मनों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। इसके बाद उसे यह सफलतता के साथ सुराग हाथ लगे हैं।