सियासत के मंच से अध्यात्म की भूमि पर, जब देश का कोई बड़ा चेहरा नमन को आता है, तो उसकी गूँज दूर तक जाती है। Rajnath Singh Ayodhya visit: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को अयोध्या के दौरे पर रहेंगे, जहाँ वे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वयं अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से इस यात्रा की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “कल, 31 दिसंबर को मैं अयोध्या में रहूंगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के दर्शन करने और ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ समारोह में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।” यह दौरा उस वक्त हो रहा है, जब पूरे देश में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह चरम पर है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इससे पहले, 14 दिसंबर को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इस महत्वपूर्ण दिन की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी 31 दिसंबर को मनाई जाएगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस पावन अवसर पर आमंत्रित किया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है।
Rajnath Singh Ayodhya visit: तैयारियों का जायजा और भक्तों का उत्साह
चंपत राय ने इस बात पर जोर दिया कि, ‘हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उस दिन के लिए आमंत्रित किया है, और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। जब देश के रक्षा मंत्री जैसे बड़े नेता आते हैं, तो मुख्यमंत्री भी आ सकते हैं।’ प्रतिष्ठा द्वादशी पटोत्सव के दूसरे दिन, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में यज्ञ समारोह के अंतर्गत विभिन्न अनुष्ठान संपन्न किए गए। इन अनुष्ठानों में तत्व कलश, तत्व होम, मन्यु सूक्त होम, राम तारक मंत्र होम और अन्य पवित्र वैदिक कर्म शामिल थे।
ये सभी आयोजन पूज्य विश्वप्रसन्ना तीर्थ जी महाराज के मार्गदर्शन में संपन्न हो रहे हैं। पूजा करने वाले आचार्यों के अनुसार, यह अनुष्ठान एक वैदिक कर्मिक अनुष्ठान है जिसका उद्देश्य सृष्टि के मूलभूत तत्वों को संतुलित करना और अधर्म, बाधाओं तथा अशांति को दूर करना है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
रामलला की पालकी और अनुष्ठानों का महत्व
शाम के समय, देवता की पालकी निकाली गई। यह पालकी प्रतिदिन तीन बार श्री राम मंदिर परिसर की परिक्रमा करती है, और यह क्रम पूरे अनुष्ठानों के दौरान जारी रहेगा। इन अनुष्ठानों का मुख्य उद्देश्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व आध्यात्मिक वातावरण को शुद्ध करना है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।






