पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने बुधवार को केन्द्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को मंत्रालय की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya Scindia) को सौंप दी। आरसीपी सिंह आज पटना वापस आ रहे हैं। जहां उनके भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है।
मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की तारीफ करते हुए आरसीपीसी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक काबिल और कर्मठ नेता रहे हैं उनके पास पहले से भी दूसरे मंत्रालय की जिम्मेदारी रही है, जिससे वह काफी बेहतर ढंग से चला रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस्पात मंत्रालय भी ज्योतिराज सिंधिया के नेतृत्व में बेहतर तरीके से काम करेगा और ऊंचाइयों पहुंचेगा। वहीं दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात में पहली बार आरसीपी सिंह की चुप्पी टूटी।
PM मोदी ने लिया बेहतरीन फैसलाः आरसीपी
आरसीपी सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कार्यभार सौंपने के बाद कहा कि सिंधिया बेहद अनुभवी राजनेता है। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी के लिए चुना है, यह वाकई एक बेहतरीन फैसला है।
उनके मार्गदर्शन में मंत्रालय ने किया कामः आरसीपी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि उनके मार्गदर्शन में मंत्रालय ने काम किया है और आगे इस काम को जारी रखेंगे। हालांकि इस्पात मंत्रालय में अपने कामकाज की बाबत पूछे जाने पर आरसीपी सिंह ने चुप्पी साध ली। वहीं आरसीपी सिंह अपने इस्तीफे को लेकर आगे के सवालों का सामना नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कह दिया कि इस सब पर आगे बातचीत होगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिराज सिंधिया ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि आरसीपी सिंह के साथ काम करने का मौका मिला है उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश होगी कि इस मंत्रालय के काम को और आगे बढ़ाउंगा।
इधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya Scindia) ने गुरुवार को सुबह इस्पात मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण कर लिया। बुधवार रात को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधिया को यह नई जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने आरसीपी सिंह से यह कार्यभार ग्रहण किया।
सिंधिया के पास नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) भी पहले से है। उन्हें इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) की जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में दी गई है। राज्यसभा में आरसीपी सिंह का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा था, इससे पहले बुधवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। आरसीपी सिंह के पास इस्पात मंत्रालय था।