नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार सुहब 10 बजे से कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक पार्टी मुख्यालय में जारी है।
वहीं, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से जो सोनिया गांधी का एक बड़ा बयान निकल कर सामने आया है वह बेदह चौंकाने वाला और कांग्रेसियों के लिए लक्ष्मण रेखा के बराबर है कि गांधी परिवार आज भी सर्वोपरि है।
सोनिया ने खुद को फुलटाइम अध्यक्ष बताया है। बैठक में बागी नेताओं को दो टूक जवाब देते हुए सोनिया ने कहा है कि मैं पूर्णकालिक अध्यक्ष हूं। मैं चाहूंगी कि आप लोग सीधे मुझसे बात करें।
बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित असंतुष्ट समझे जा रहे जी-23 के सदस्य भी शामिल हैं।
CWC बैठक में सोनिया का केंद्र पर हमला
वहीं, बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के अध्यक्ष को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। दरअसल, सोनिया गांधी ने अपनी शुरुआती टिप्पणियों में कहा, ‘मैं फुल टाइम कांग्रेस अध्यक्ष हूं.’ वहीं, सोनिया ने कहा, ‘लखीमपुर-खीरी की चौंकाने वाली घटनाएं हाल ही में बीजेपी की मानसिकता को दिखाती है कि वह किस तरह किसान आंदोलन को देखती है. ये दिखाती है कि भाजपा किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपट रही है।
सोनिया गांधी के इस बड़े बयान के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बहस पर फिलहाल विराम लग गया है। सोनिया ने स्पष्ट और कड़े शब्दों में यह क्लियर कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी की बागडोर उनके हाथों में है।
बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि अगर आप अनुमति दे तो मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैं कांग्रेस पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हूं। मैं चाहूंगी कि आप लोग सीधे मुझसे बात करें। मैंने हर मामले को गंभीरता से सुना और सुलझाया है, इसलिए मीडिया के जरिए उनसे बात करने की जरूरत नहीं है।
बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि बैठक में पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होगी। लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान से नाराज जी-23 के सदस्यों को संतुष्ट करने और सबको एकजुट करने के लिए खुद सोनिया गांधी मैदान में उतरी हैं।
इस बैठक में कांग्रेस के नये अध्यक्ष और पार्टी की मजबूती सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों, किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा आदि विषयों पर चर्चा हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं के समूह जी-23 के सदस्य सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। बीते दिनों इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक प्रेसवार्ता भी की थी।
उसमें उन्होंने साफ कहा था कि जिस तरह से कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों में जा रहे हैं, वह चिंता का विषय है। जल्द से जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाकर इन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाए जाने की मांग करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख चुके हैं।
अपने संबोधन में यूं दिखीं सोनिया
सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि पूरा संगठन कांग्रेस का पुनरुद्धार चाहता है। लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है।
सबसे बढ़कर, इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता है। पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है. चाहें वह किसानों का मुद्दा हो, महामारी के दौरान राहत पहुंचाना हो या फिर युवाओं व महिलाओं का मुद्दा हो।
52 नेता हैं मौजूद
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जारी है। इस बैठक में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, आनंद शर्मा समेत पार्टी के 52 वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी।
मनमोहन सिंह व दिग्विजय सिंह समेत पांच नेता अनुपस्थित
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बीमारी के चलते हिस्सा नहीं ले रहे हैं। बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना भी की। इसके अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच नेता बैठक में अनुपस्थित हैं।
वरिष्ठ नेताओं ने उठाई थी मांग
पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। यहां तक कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और आतंरिक मामलों पर चर्चा की जाए।
पार्टी अध्यक्ष को लेकर उठ रहे थे सवाल
कांग्रेस में स्थाई पार्टी अध्यक्ष का न होना उसके लिए परेशानी की वजह बन रहा है। पार्टी के अंदर ही इसको लेकर विरोध के शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया था कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं हैं। फैसले कौन ले रहा है, मालूम नहीं है।
सोनिया गांधी हैं अंतरिम अध्यक्ष
हालफिलहाल सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उन्होंने अध्यक्ष का पदभार संभाला था, लेकिन स्थाई अध्यक्ष की मांग पार्टी ही नहीं पार्टी के बाहर भी होने लगी है। पिछले दिनों शिवसेना ने भी स्थाई अध्यक्ष को लेकर सवाल खड़े किए थे।