चारा घोटाला मामले में दोषी करार होने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रांची के रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। इलाजरत लालू से मिलने के लिए जेल प्रशासन की ओर से शनिवार का दिन तय किया गया है।
हालांकि, लालू की अनुमति के बाद ही मुलाकात करने वालों को मिलने दिया जाएगा। अगर आवेदन आते हैं तो पहले इसकी जानकारी लालू को दी जाएगी। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही यह तय होगा कि कौन मिलेगा और कौन नहीं। पढ़िए पूरी खबर
रांची के रिम्स में भर्ती राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के अस्पताल वार्ड में दरबार लगाने की खबरों के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद जेल प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपनाया है। उनके दरबार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब सिर्फ शनिवार को लालू यादव की सहमति से ही उनसे मिलने की अनुमति दी जाएगी।
बिरसा मुंडा जेल के अधिकारियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि 15 फरवरी को चारा घोटाले में दोषी करार दिये जाने के बाद राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाज के लिए भर्ती लालू प्रसाद यादव लगातार अपने वार्ड में दरबार लगा रहे थे, जिसे देखते हुए उनसे मिलने वालों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है।
जानकारी के अनुसार, लालू डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, किडनी की बीमारी, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलीसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से संबंधित बीमारी, कमजोर इम्यूनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख में दिक्कत की बीमारी से ग्रसित हैं।
इस लिहाज से उनसे मिलने वालों में अधिकांश उनके परिजन ही होंगे लेकिन अभी तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक, परिजन लालू से मिलना चाहते हैं तो बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक को आवेदन दे सकते हैं।हालांकि, अभी तक न तो लालू ने किसी से मिलने की इच्छा जताई और न ही उनके परिजनों ने मिलने का आवेदन दिया है।
जेल प्रशासन के अनुसार एक दिन में तीन लोगों को ही मुलाकात की अनुमति दी जाएगी। जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने शनिवार को बताया कि पिछली बार भी मुलाकात के लिए शनिवार का दिन तय किया गया था। इसी आधार पर इसबार भी यही दिन चुना गया है। अगर लालू प्रसाद की इच्छा होगी तो परिजन उनसे मिल सकते हैं।
जेल अधीक्षक ने कहा कि विशेष परिस्थिति में अधिवक्ता और परिजन के लिए अलग से विचार किया जाएगा। जो भी निर्णय होगा जेल मैनुअल के अनुसार ही होगा। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।
जेल अधीक्षक के अनुसार लालू की अनुमति के बाद ही मुलाकात करने वालों को मिलने दिया जाएगा। अगर आवेदन आते हैं तो पहले इसकी जानकारी लालू को दी जाएगी। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही यह तय होगा कि कौन मिलेगा और कौन नहीं।
सुरक्षा व्यवस्था की होगी समीक्षा
जेल प्रशासन के अनुसार लालू प्रसाद की सुरक्षा की प्रतिदिन समीक्षा की जाती है। उनकी सुरक्षा में किसी प्रकार की कोताही नहीं होगी। अनाधिकृत लोगों के मिलने के विषय में जेल अधीक्षक ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। हालांकि, जेल प्रशासन पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
बीते 15 फरवरी को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू को रिम्स में भर्ती कराया गया है। जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की गई थी। इसके बाद उनकी जांच के लिए बुधवार को कई सैंपल लिए गए थे। अब उनकी जांच रिपोर्ट आ गई। लालू की देखरेख के लिए सात सदस्यीय डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है, जो लालू पर निगरानी रख रही है।