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दिसम्बर, 24, 2025

UP News: कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में SIT की रिपोर्ट योगी सरकार को सौंपी, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

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UP News: अवैध कारोबार का जाल जब सीमाएं लांघता है, तो सिर्फ कानून ही नहीं, समाज की बुनियाद भी हिल जाती है। उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप तस्करी के एक ऐसे ही बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसकी परतें अब यूपी सरकार के सामने खुल चुकी हैं।

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UP News: कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में SIT की रिपोर्ट योगी सरकार को सौंपी, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के निष्कर्ष बेहद चौंकाने वाले हैं, जिनसे पता चलता है कि सीमा पार नशीले पदार्थों की हेराफेरी, हवाला लेनदेन और एक विशाल आपराधिक नेटवर्क इस पूरे खेल में शामिल है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कथित रैकेट के सरगना विभोर राणा को 2016 में लाइसेंस जारी किया गया था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कफ सिरप के निर्माण और वितरण से जुड़ी कंपनियों को ये लाइसेंस अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में जारी किए गए थे।

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पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में मिले थे लाइसेंस

SIT की जांच में यह भी सामने आया है कि नेपाल सीमा के पास स्थित मदरसों के खिलाफ की गई कार्रवाई का इस तस्करी पर सीधा असर पड़ा था। इस कार्रवाई के कारण विभोर और उसके साथियों को सीमा पार तस्करी अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी थी। अधिकारियों द्वारा गहन जांच किए जाने के बाद, विभोर ने दवा कंपनी एबॉट से संपर्क कर लगभग एक करोड़ कफ सिरप की बोतलें वापस लेने का अनुरोध किया था। जांचकर्ताओं ने पाया है कि विभोर के सहयोगी सौरभ और पप्पन से जुड़ी बड़ी खेपें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जब्त की गई हैं।

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UP News: तस्करी रैकेट में हवाला और आपराधिक नेटवर्क की भूमिका

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कंपनी द्वारा विभोर के स्टॉक का एक हिस्सा जानबूझकर शुभम जायसवाल को तस्करी के इरादे से भेजा गया था। बाद में शुभम जायसवाल के सहयोगी मनोज यादव के वाराणसी स्थित गोदाम से खांसी की दवा की एक बड़ी खेप बरामद की गई थी। SIT की रिपोर्ट इस गिरोह में हवाला नेटवर्क की अहम भूमिका पर प्रकाश डालती है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि खेपों का हस्तांतरण और वित्तीय लेनदेन दोनों अवैध हवाला चैनलों के माध्यम से किए गए थे। यह दिखाता है कि कैसे बड़े पैमाने पर खांसी सिरप तस्करी में पैसों का लेन-देन पर्दे के पीछे से होता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

अंतरराज्यीय कनेक्शन और धर्मांतरण रैकेट से जुड़ाव

तस्करी के ये रास्ते कथित तौर पर हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों से होकर उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमावर्ती जिलों से गुजरते थे। जांच में छंगुर बाबा के नेतृत्व वाले एक नेटवर्क की संलिप्तता भी सामने आई है, जिस पर उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप है। SIT रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर इस नेटवर्क का इस्तेमाल खांसी की दवा की तस्करी के लिए किया गया था। यह मामला सिर्फ खांसी सिरप तस्करी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार कई अन्य गंभीर अपराधों से भी जुड़े दिख रहे हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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