Vaishno Devi Medical College News: जैसे किसी शांत सरोवर में कंकड़ पड़ते ही हलचल मच जाती है, वैसे ही श्री माता वैष्णो देवी के पवित्र धाम के पास स्थित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जम्मू में विरोध की ज्वाला भड़क उठी है, जहां प्रदर्शनकारी एक अहम फैसले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के सदस्यों ने बीते शनिवार को जम्मू के लोक भवन के बाहर श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का पुतला फूंका। उनके हाथों में वैष्णो देवी के झंडे थे और वे “लेफ्टिनेंट गवर्नर, वापस जाओ, वापस जाओ” जैसे नारे लगा रहे थे, जिसमें मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया को रद्द करने की उनकी मांग स्पष्ट थी।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रशासन उनके सब्र का इम्तिहान ले रहा है। उन्होंने अपनी मांग दोहराते हुए स्पष्ट किया, “हमारी एकमात्र मांग है कि यह मेडिकल कॉलेज बंद होना चाहिए। कटरा जैसे पवित्र स्थल पर इसकी क्या आवश्यकता है? इसे किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। भारत के सनातन धर्म के इस पवित्र स्थान पर यह कॉलेज स्वीकार्य नहीं है।” जब पुलिस ने बड़ी संख्या में एकत्रित प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया, तो दोनों पक्षों के बीच हल्की झड़प भी हुई। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Vaishno Devi Medical College: सीटों के बंटवारे पर बवाल क्यों?
पिछले महीने, एमबीबीएस प्रवेश को लेकर उपजे विवाद के बाद, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी चिकित्सा उत्कृष्टता संस्थान के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस प्रस्ताव में संस्थान ने एमबीबीएस की सभी सीटों को अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) के तहत चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) के माध्यम से भरने की मांग की थी। एनएमसी के एक अधिकारी ने इस कदम को मौजूदा सरकारी नीति के विरुद्ध बताया।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की स्पष्टीकरण
एनएमसी के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि “हम किसी एक संस्थान को यह अनुमति नहीं दे सकते कि वह अकेले ही सभी सीटें एमसीसी के अधीन कर दे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी नीतियों के अनुसार, एमबीबीएस प्रवेश में सीटों का एक निश्चित प्रतिशत चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) के अधीन आता है और एक निश्चित प्रतिशत राज्य परामर्श के लिए जाता है। अधिकारी ने यह भी जोड़ा कि “हम किसी एक संगठन के लिए अलग या मनमाने ढंग से कोई निर्णय नहीं ले सकते।” उनका कहना था कि यदि विशेष रूप से इस संगठन के लिए कोई छूट देनी है, तो नीति में संशोधन आवश्यक है। नीति में संशोधन करते समय अन्य समान संस्थानों को भी ध्यान में रखना होगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यदि नीति या प्रतिशत में कोई बदलाव होता है, तो ही संस्थान अपने प्रवेश मानदंडों में परिवर्तन कर सकता है।
अधिकारी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कोई भी निर्धारित मानदंड सभी राज्यों में समान रूप से स्वीकार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें एक ऐसा मानदंड निर्धारित करना होगा, जो संबंधित राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी स्वीकार्य हो।” इस वर्ष के मेडिकल सीटों के चयन मानदंडों में बदलाव की मांग उठाई है, जिससे यह मुद्दा और भी गरमा गया है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें




