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5 सितम्बर, 2024
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Nepal में सोशल मीडिया ब्लैकआउट! अब नहीं चलेंगे Facebook, WhatsApp और X, जानिए क्या रहेगा खुला, 26 प्लेटफॉर्म्स बंद

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चौंकाने वाला फैसला: नेपाल में सोशल मीडिया पर तगड़ा प्रहार! Facebook-WhatsApp-X समेत 26 ऐप्स पर बैन। Facebook, Instagram और WhatsApp अब बंद! Nepal में सोशल मीडिया ब्लैकआउट! अब नहीं चलेंगे Facebook, WhatsApp और X। 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा ताला। TikTok बचा लेकिन Facebook-WhatsApp-X बैन! नेपाल का बड़ा डिजिटल फैसला। नेपाल में इंटरनेट यूजर्स को झटका! 26 बड़े ऐप्स अचानक बंद, हड़कंप मच गया@देशज टाइम्स।

बड़े और चौंकाने वाले निर्णय के तहत

नेपाली सरकार ने एक बड़े और चौंकाने वाले निर्णय के तहत Facebook, WhatsApp, Instagram, X (formerly Twitter) और अन्य 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी नहीं किया। यह कदम संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया।

प्रतिबंध का उद्देश्य और कारण

हाल ही में नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि देश में सक्रिय सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को स्थानीय पंजीकरण (registration), शिकायत निवारण अधिकारी, नियामक प्रतिनिधि के साथ संचालित होना आवश्यक है।

सरकार ने कंपनियों को मात्र सात दिनों की सीमा (अल्टीमेटम) दी, लेकिन Facebook, Instagram, YouTube समेत इन दिग्गजों ने पंजीकरण नहीं कराया।

ऐसा माना गया कि पंजीकरण न कराने वाले प्लेटफ़ॉर्म्स पर साइबर सुरक्षा और देश की सामाजिक समरसता पर प्रभाव पड़ रहा है – सरकार को यह कदम उठाने का मजबूरन निर्णय लेना पड़ा।

कौन-कौन से प्लेटफॉर्म अभी प्रतिबंधित नहीं हुए?

TikTok, Viber, WeTalk, Nimbuzz और Poppo Live को पंजीकरण पूरा होने के कारण अभी बंद नहीं किया गया। Telegram और Global Diary जैसे प्लेटफॉर्म्स प्रक्रियााधीन (process underway) हैं। जैसे ही कोई प्लेटफ़ॉर्म पंजीकरण पूरा करता है, उसे तत्काल चालू कर दिया जाएगा।

प्रतिबंध की व्यापक प्रभाव

इस कार्रवाई का नेपाल में करोड़ों उपयोगकर्ताओं पर सीधा असर हुआ है, खासकर उन लोगों पर जो नौकरी, अध्ययन या पारिवारिक संपर्क के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर रहते हैं। पत्रकार संगठनों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है, इसे स्वतंत्रता और सूचना अधिकार का उल्लंघन बताया।

आलोचकों का कहना है कि सरकार को नियमन (regulation) करना चाहिए, बैन नहीं। इस कदम से मीडिया, प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरा है।

सरकार का पक्ष

संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने स्पष्ट किया कि Platform संचालकों को पर्याप्त समय और समय-समय पर नोटिस दिए गए, लेकिन उनकी उदासीनता के कारण यह निर्णय लेना पड़ गया।

सरकार का मानना है कि यह कानून और डिजिटल जिम्मेदारी (digital accountability) की दिशा में आवश्यक कदम है, जिससे फेक ऐडेंटिटी, साइबर अपराध और अन्य खतरों से निपटा जा सके।

यह कदम तकनीकी रूप से बेहद प्रभावशाली है

नेपाल सरकार द्वारा सामाजिक और सुरक्षा कारणों से उठाया गया यह कदम तकनीकी रूप से बेहद प्रभावशाली है, लेकिन इसके साथ-साथ स्वतंत्र अभिव्यक्ति और सूचना की खुली पहुँच जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी भारी प्रभाव डालता है। यह देखना रोचक होगा कि यह कदम डिजिटल नियमों में संतुलन कायम कर पाएगा या भविष्य में इसके सुधारपूर्ण समाधान सामने आएंगे।

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