नेपाल पुलिस की वेबसाइट हैक हो गई है। इसमें 20 लाख नागरिकों का संवेदनशील डेटा है जो डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। यह साइबर हमला नेपाल पुलिस की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। नेपाल पुलिस की वेबसाइट हैक होने के बाद FIR और पासपोर्ट डिटेल्स तक लीक हो गई हैं।
नेपाल में बड़ा डेटा ब्रीच
नेपाल में बड़ा डेटा ब्रीच की इस घटना से पुलिस पोर्टल से 2 मिलियन नागरिकों की जानकारी चोरी हो गई है। डार्क वेब पर नेपाल का सरकारी डेटा बिक रहा है। इसकी कीमत सिर्फ $7000 है। केएजेडयू हैकर ग्रुप का दावा – नेपाल पुलिस का केन्द्रीय डेटा पोर्टल किया है।
20 लाख से अधिक नागरिकों का संवेदनशील डेटा चोरी
नेपाल में एक बड़े साइबर हमले ने सरकारी तंत्र को हिला कर रख दिया है। नेपाल पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट को हैकरों ने निशाना बनाते हुए 20 लाख से अधिक नागरिकों का संवेदनशील डेटा चोरी कर लिया है। इस डेटा को अब डार्क वेब पर बेचने के लिए अपलोड कर दिया गया है।
केएजेडयू (KAZU) हैकर ग्रुप ने मचाया कोहराम
पुलिस के केंद्रीय प्रवक्ता डीआईजी दिनेश आचार्य ने बताया कि यह हमला केएजेडयू (KAZU) नाम के हैकर ग्रुप ने किया है। हैकरों ने दावा किया है कि उन्होंने नेपाल पुलिस के केंद्रीय डेटा पोर्टल को निशाना बनाया। हैक किए गए डेटा की कीमत डार्क वेब पर 7,000 अमेरिकी डॉलर रखी गई है।
चोरी हुआ ये संवेदनशील डेटा
एफआईआर (FIR) रिपोर्ट्स। ट्रैकिंग रिकॉर्ड्स । नागरिकता प्रमाण पत्र (Citizenship Certificates) । पासपोर्ट डिटेल्स। व्यक्तिगत पहचान संबंधी जानकारी (PII – Personal Identification Information)। पुलिस अधिकारियों की जानकारी (Officer Details)।
सरकार में हड़कंप, साइबर सुरक्षा पर सवाल
2025 के डेटा को हैक किया गया है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। यह पहला मौका है जब नेपाल की किसी प्रमुख सरकारी एजेंसी से इतना बड़ा डेटा लीक हुआ है। सरकार अब इस मामले की अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से जांच कराने की तैयारी में है।