लखनऊ से एक बड़ी खबर आ रही है जहां मीडिया के नाम पर हत्यारे घूम रहे हैं। इससे अब मीडियाकर्मियों की भी मुसीबत बढ़ने वाली है। शनिवार की रात को प्रयागराज के मेडिकल कालेज के पास मीडिया कर्मी बनकर हत्यारे सनी, लवलेश और अरूण मौर्य भीड़ में घुसे थे। उनके हाथ में टीवी चैनल का आईडी थी। इस कारण अतीक और अशरफ की सुरक्षा में लगे 17 पुलिस कर्मियों ने इन पर शक नहीं किया। वे आसानी से मीडिया कर्मियों के साथ खड़े रहे।
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कानपुर पुलिस की अपील सोशल मीडिया पर कोई भी भ्रामक समाचार, संवेदनशील पोस्ट न करें।
कानपुर पुलिस ने अपील करते हुए कहा, कि किसी भी ग्रुप में या किसी भी सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भ्रामक खबर या संवेदनशील पोस्ट न करें और न ही ऐसा करने वालों का समर्थन या फॉरवर्ड करें अन्यथा इसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे। अफवाह फैलाने और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अतीक-अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज में कानून व्यवस्था की स्थिति की निगरानी के लिए डीजीपी मुख्यालय द्वारा पांच आईपीएस अधिकारियों को प्रयागराज भेजा जा रहा है। पुलिस महानिदेशक राजकुमार विश्वकर्मा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले अंतिम जानकारी के लिए सीएम के 5 कालिदास आवास पहुंचे हैं।
बीती शनिवार की रात 15 अप्रैल को करीब 10 बजे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कॉल्विन अस्पताल के पास तीन हमलावरों ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सब मीडिया के सामने ही हुआ है।
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात काल्विन अस्पताल के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काल्विन अस्पताल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था। उसी समय 10 फायर किए गए।
अतीक की कनपटी पर सटाकर एक गोली मारी गई। अज्ञात वाहनों से आए हमलावरों ने सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देने के बाद समर्पण कर दिया। घटना के बाद जिले की सीमा को सील कर दिया है। मौके पर आरएएफ को भी बुला लिया गया है।
दरअसल, मीडिया के साथ ही हाथ में टीवी चैनल की फेक आईडी हाथ में लेकर साथ में हथियार लिये अतीक और अशरफ का भीड़ में घुस जाना भविष्य में मीडिया कर्मियों की मुसीबत बढ़ा देने के लिए काफी है।।
अतीक के कातिल लवलेश के घर पर तैनात की गई फोर्स
लवलेश तिवारी के घर की सुरक्षा के लिए फोर्स पहुंचा है। अफसरों ने आते ही घर वालों को सचेत किया और दरवाजा बंद कर के अंदर रहने को कहा गया है। अब मीडिया को भी बाहर निकाल दिया गया है।
अब आगे हर मीडिया कर्मी की चेंकिंग करने के लिए भी पुलिस कर्मी मजबूर हो जाएंगे। मीडिया में संवाद सूत्रों को अधिकांश संस्थान कोई अपनी आईडी कार्ड देते नहीं हैं। इससे कवरेज करना मुश्किल हो जाएगा।
शनिवार की रात को प्रयागराज के मेडिकल कालेज के पास मीडिया कर्मी बनकर हत्यारे सनी, लवलेश और अरूण मौर्य भीड़ में घुसे थे। उनके हाथ में टीवी चैनल का आईडी थी।
इस कारण अतीक और अशरफ की सुरक्षा में लगे 17 पुलिस कर्मियों ने इन पर शक नहीं किया। वे आसानी से मीडिया कर्मियों के साथ खड़े रहे। जैसे ही अतीक और अशरफ ने बाइट देना शुरू किया हत्यारों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं और अपने हथियार रखकर सरेंडर कर दिया।
हत्या किये जाने के बाद रविवार को सुबह मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने से भी मीडिया कर्मियों को रोक दिया गया। अब आगे चर्चा है कि इससे मीडिया कर्मियों को भविष्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
पुलिस इस घटनाक्रम को अपना हथियार भी बनाएगी और मीडिया कर्मियों को हर जगह जाने से रोका जाएगा। इसके साथ ही व्यक्तिगत आईडी की भी मांग की जाएगी।