बेगूसराय नगर निगम के टैक्स वसूलने वाले बैरियर कर्मी दरिंदा बन गया। महज दस रुपए नहीं देने पर ई-रिक्शा चालक नागदह निवासी संजय सोनी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। विरोध में शनिवार को ई-रिक्शा चालकों ने हर हर महादेव चौक के समीप एनएच-31 को जामकर जमकर बवाल काटा।
घटना नगर थाना क्षेत्र के बजरंग चौक की है। जहां, ई रिक्शा संजय कुमार सोनी को बजरंग चौक पर बैरियर वसूलने वालों रोका । इस दौरान मामूली कहासुनी के बाद बैरियर वसूलने वालों ने रिक्शा चालक संजय सोनी की बेरहमी से पिटाई कर दी। पिटाई से गंभीर रूप से घायल संजय सोनी को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान देर शाम उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम के बाद शव आते ही आक्रोशित लोगों ने ई-रिक्शा एवं अन्य वाहन लगाकर एनएच पर यातायात पूरी तरह से ठप कर दिया है। जिसके कारण आमलोगों खासकर बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा आयोजित डिप्लोमा-सर्टिफिकेट की परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान ई-रिक्शा चालक एवं उसके संगठन के कुछ नेताओं ने राहगीरों के साथ बदतमीजी भी की।
ई रिक्शा चालकों का आरोप है कि बाजार में कई जगह जबरन वसूली की जाती है और नहीं देने पर मारपीट की जाती है और इसी में आज ई-रिक्शा चालक की हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस अस्पताल पहुंच पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है। परिजनों ने बताया कि सुबह-सुबह बैरियर के रूप में ₹10 रुपया बैरियर वालों ने मांगा।
एनएच-31 फोरलेन को जाम कर रहे आक्रोशित लोगों का कहना था कि नगर निगम क्षेत्र में बैरियर कर्मियों की रंगदारी चलती है। शुक्रवार को नागदह निवासी मिश्री साह के पुत्र ई-रिक्शा चालक संजय कुमार सोनी ने जब खुदरा नहीं रहने पर अगले ट्रिप में बैरियर देने की बात कही तो इसी बात पर नगर निगम के ठेकेदार द्वारा तैनात किए गए दबंगों ने लाठी डंडा और ईंट से पीट-पीटकर संजय को अधमरा कर दिया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, लेकिन संबंधित अधिकारी और ठेकेदार देखने तक नहीं आए।
सड़क जाम कर रहे ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि हम लोग नगर निगम में जगह-जगह टैक्स नहीं देंगे, टैक्स फ्री किए जाने तक सड़क जाम रहेगी। ई-रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष अजीत कुमार अकेला सहित अन्य का कहना है कि चार साल से इस अवैध वसूली का विरोध कर रहे हैं।
लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण एक साथी की हत्या हो गई। हत्यारों को प्रशासन अविलंब गिरफ्तार करे, मृतक के पत्नी को नगर निगम में नौकरी तथा परिजनों को दस लाख का मुआवजा मिले तथा ई-रिक्शा चालकों से वसूली नहीं करने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही हमारा आंदोलन खत्म होगा। फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने बुझाने में लगी हुई है, लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं है।