यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता RPN सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जल्द ही भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं।
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बताया जा रहा है, वो शाम 4 बजे तक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। आरपीएन सिंह ने अपने ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए कांग्रेस से इस्तीफा देने की जानकारी दी है।
सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र जमा कर दिया। इसके बाद भी उन्होंने ट्वीट कर संकेत दिए कि वो बहुत जल्द ही बीजेपी से जुड़ सकते है। आरपीएन सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी भी थे। बताया जा रहा है, स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वो मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
बताया यह भी जा रहा है, पडरौना से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। आरपीएन सिंह के जाने से कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची कल ही जारी की गयी थी। इसमें आरपीएन सिंह का भी नाम शामिल है। अब पढ़िए विस्तार से खबर
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इस इस्तीफे के बाद अब आरपीएन सिंह के भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार है। झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन की सरकार बनाने में आरपीएन सिंह का अहम योगदान रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना पत्र भेज आरपीएन सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था।
सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में पार्टी द्वारा उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने के लिए आभार व्यक्त किया और ट्वीट कर इस्तीफे की प्रति साझा की।
ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद के बाद आरपीएन सिंह का समय-समय पर इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एक समय सिंह राहुल गांधी की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे। उन्हें गांधी परिवार के भरोसेमंद लोगों में गिना जाता था। उनके पिता स्व. सीपीएन सिंह भी कांग्रेस और गांधी परिवार के करीबी थे।
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद ही सिंह के भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गयी थी। कांग्रेस से उनके इस्तीफे के बाद इस पर विराम लग गया।
सिंह ने ट्वीट कर कहा, “ आज जब हम सभी अपने महान गणराज्य के गठन का जश्न मना रहे हैं, मैं अपनी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय शुरू कर रहा हूं। जय हिन्द।”
कयास लगाया जा रहा है, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष आरपीएन सिंह भाजपा का दामन थामेंगे। यूपीए सरकार में मंत्री रहे आरपीएन सिंह का भाजपा में शामिल होने की अटकलें काफी दिनों से चल रही थी।
आरपीएन सिंह यूपी में पूर्वांचल के पडरौना के रहने वाले हैं. दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस ने यूपी इलेक्शन को लेकर उन्हें स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया था। इन्हें भारतीय जनतापार्टीकी तरफ से सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मैदान में उतारा जा सकता है। तीन बार पडरौना से विधायक रहे आरपीएन सिंह वर्तमान में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी हैं। वे हाल ही में हेमंत सोरेन सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर रांची आये थे।
पडरौना विधानसभा सीट से आरपीएन सिंह 1996, 2002 और 2007 में तीन बार कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं। आरपीएन सिंह 4 बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुके हैं लेकिन सफलता सिर्फ एक बार मिली है. 1999 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के रूप में यूपीए सरकार में इन्होंने अपना कार्यभार भी संभाला था. 2004 में वे दूसरे स्थान पर रहे थे. 2009 के लोकसभा चुनाव में रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आरपीएन सिंह) चुनाव जीते। यूपीए-2 की सरकार में भूतल परिवहन व सड़क राज्यमार्ग राज्यमंत्री, पेट्रोलियम राज्य मंत्री व गृह राज्य मंत्री रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह को भाजपा प्रत्याशी राजेश पांडेय ने 85540 हजार मतों से पराजित किया था।