समस्तीपुर में एक परिवार कर्ज में इतना डूबा कि एक साथ कई लोग फंदे पर झूल जाने को विवश हो गए। ताजा बेगूसराय की घटना उसी समस्तीपुर के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव की तरह है, जहां बेगूसराय में पिता की बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान एक छात्रा नीमा चांदपुरा थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव की छात्रा चांदपुरा गांव निवासी गणेश महतो की पुत्री काजल कुमारी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।
जानकारी के अनुसार,बुधवार रात 19 वर्षीय छात्रा काजल कुमारी ने गले में दुपट्टा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह गणेश महतो की पुत्री थी और बीए पार्ट वन की पढ़ाई कर रही थी। काजल की मां ने पिता के इलाज के लिए कर्ज लिया था। उसके पिता का यूपी के बरेली में इलाज चल रहा है। जिन महिलाओं ने कर्ज दिया वह काजल को परेशान कर रही थीं। इससे तनाव में आकर उसने आत्महत्या कर ली।
पुलिस थाना से महज 20 मीटर की दूरी पर यह घटना हुई। घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष अमित कान्त पुलिस बल के साथ पहुंचकर दो पट्टे से लटकती लाश को बाहर निकाला व पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
मृतका के चचेरे भाई ने बताया कि काजल के पिता बीमार हैं। अपना इलाज कराने के लिए दो माह से बरैली में हैं। उनके साथ मृतका की मां भी है। काजल अपने चचेरे भाई शिवम के साथ अकेले रह रही थी। शिवम ने बताया कि उसकी मां ने नॉनबैंकिंग महिला समहू से पिता के इलाज के लिए कर्ज लिया था। समूह की किस्त लगातार बढ़ रही थी। उन्होंने घर में रखे अनाज को बेचकर कुछ किस्तें भरीं।
समूह की महिलाएं घर आकर काजल पर दवाब बनाने लगीं कि किस्तें जमा नहीं की तो घर में ताला लगवा देंगे। महिलाओं ने कहा कि तुम्हारी मां ने पैसा लिया है और वह दो महीने से गांव से गायब है। ऐसे में उसे ही पैसा भरना होगा। इससे काजल तनाव में रहने लगी। आर्थिक कमी और समूह वाली महिला की प्रताड़ना वह सहन नहीं कर पाई और घर में ही दुपट्टे से फंदा बनाकर झूल गई।
घटना के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि काजल कुमारी के पिता गणेश महतो लीवर ट्यूमर से पीड़ित हैं तथा अपनी पत्नी के साथ इलाज कराने के लिए बरेली गए हुए हैं। यहां काजल कुमारी गांव में अपने छोटे भाई के साथ रहकर स्नातक प्रथम खंड में पढ़ाई एवं पारा मेडिकल की तैयारी कर रही थी। इलाज और परिवार चलाने के लिए माता-पिता ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से कर्ज लिया था। लेकिन बीमारी के कारण स्वयं सहायता समूह का किस्त समय पर जमा नहीं कर पा रहे थे तथा कई किस्त ड्यूज में चल रहा था।
कर्ज लौटाने का दबाव दिए जाने पर घर में रखा अनाज बेचकर उसने कुछ रकम चुकाया था। लेकिन कर्ज का किस्त सहित पूरा रकम जमा करने के लिए फाइनेंस कंपनी द्वारा काजल पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन माता-पिता के इलाज में बाहर रहने से कर्ज चुकाने में काजल असमर्थ थी और इलाज के लिए पैसा नहीं पूरा होने पर बरेली में पिता का भी इलाज नहीं हो पा रहा। घर में भोजन की भी समस्या हो गई थी। इसी दबाव में आकर देर रात काजल ने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया।
सोये भाई ने जगने पर जब बहन को फंदा में लटका देख कर हल्ला किया तो आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया तथा गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि काजल के एक भाई की मृत्यु पिछले वर्ष 27 जुलाई को पोखर में डूबने के कारण हो गई थी। इसके बाद भाई के निधन के मौत के ठीक एक साल पूरा होने की रात्रि में वह अपने घर में फंदा लगाकर झूल गई।
ग्रामीणों का कहना है कि काजल पढ़ने में काफी तेज थी तथा मैट्रिक एवं इंटर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया था। वह कुछ बनना चाहती थी, लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था, पढ़ाई लिखाई में काफी तेज लड़की के असामयिक निधन से गांव में शोक की लहर छा गई है। घटना की सूचना मृतका के माता-पिता को दी गई है।
परिजन ने बताया कि बगल के ही परना पोखर में डूबने से एक साल पहले ही काजल के भाई नीतीश की मौत ही गई थी। परिवार उस घटना से अभी तक उबर नहीं पाया था कि काजल ने आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली।