भाजपा खासकर योगी वाली बीजेपी के लिए मंगलवार का दिन काफी उथल में बीता। गाजियाबाद में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका (Bihari power entry in UP elections) लगा वहीं, बिहार से मंगलवार को तगड़ा झटका लगा है।
जय बाबा केदार..!
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भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष व गाजियाबाद विधानसभा पर टिकट की दावेदारी करने वाले केके शुक्ला ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया। वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बिहार के कई राजनीतिक दलों की एंट्री हो गई है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन देने और तेजस्वी के सपा समर्थन में प्रचार करने के बीच बिहार के सभी दलों की एंट्री यूपी चुनाव में हो गई है। यूपी में बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं होने के कारण बिहार एनडीए के घटक दलों, जेडीयू, वीआईपी और हम, ने अकेले चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय ले लिया है। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी केसी त्यागी लखनऊ में पार्टी राज्य इकाई कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे।

वहीं,के के शुक्ला भाजपा से गाजियाबाद विधान सभा से टिकट मांग रहे थे,लेकिन पार्टी ने प्रदेश के राज्य मंत्री व विधायक अतुल गर्ग पर दांव चला, इससे श्री शुक्ला नाराज चल रहे थे। उन्होंने आज उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया।
गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी ने वैश्य समाज से पूर्व विधायक सुरेश बंसल को अपना प्रत्याशी घोषित किया था,लेकिन अचानक ही उनकी तबीयत नासाज हुई और वह संक्रमित हो गए। उन्हें यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वह उपचारधीन हैं।
डॉक्टरों की दो विशेष टीमों का गठन हुआ लेकिन उनकी तबीयत में अभी कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। इसी के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा अपना प्रत्याशी बदल सकती है। इसी के चलते आज के के शुक्ला ने भी भाजपा को बाॅय-बाॅय कर दिया है और बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आज विजय नगर क्षेत्र में बसपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमसुद्दीन राइन, जिला अध्यक्ष वीरेंद्र जाटव पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमचंद भारती ने उन्हें बसपा की सदस्यता ग्रहण की। उन्हे गाजियाबाद शहर सीट प्रत्याशी घोषित किया गया।
भाजपा के पार्षद कृपाल सिंह, भाजपा नेता बलराम रावल, रोबिन सांगवान,विनोद पाण्डेय समेत सैकड़ों लोगों बसपा में शामिल हुए । इस अवसर पर बाबूलाल सैन, नरेंद्र मोहित आदि उपस्थित रहे थे। उधर, शुक्ला के बसपा प्रत्याशी बनने के बाद गाजियाबाद शहर की सीट पर निश्चित रूप से समीकरण बदलेंगे।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने यूपी में विधानसभा चुनाव से पूर्व गठबंधन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी यूपी प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ कई दौर की बातचीत की, लेकिन बीजेपी नेतृत्व की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
जेडीयू नेता ने कहा कि यूपी में 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के लिए होने मतदान को लेकर नामांकन करने के लिए अब मात्र चार दिन ही शेष बचे हैं। बीजेपी की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण जेडीयू ने अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
वहीं बिहार की जमुई लोकसभा सीट से सांसद चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों को उतारने का फैसला किया है। लोजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मणिशंकर पांडे ने कहा कि पार्टी ने 60 उम्मीदवारों की सूची केंद्रीय इकाई को भेजी है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व मंगलवार को उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी कैडर को जुटाने के लिए विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में एक डिजिटल अभियान शुरू किया है।
165 सीटों पर लड़ेगी मुकेश सहनी की वीआईपी
बिहार के पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 165 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। इनमें से अधिकांश सीटें निषाद समुदाय के प्रभुत्व वाले पूर्वी यूपी में स्थित हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन मांझी ने अगस्त 2021 में लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य भाजपा नेताओं से मुलाकात की थी। पार्टी ने यूपी में बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। हम का पूर्वी यूपी में बसे मांझी, मछुआ और केवट समुदायों पर प्रभाव है। हम के एक नेता ने कहा कि भाजपा से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया था।