बिहार विधानपार्षद चुनाव में पहली बार मुखिया के साथ सवा लाख पंच और सरपंच भी एमएलसी चुनने में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
जय बाबा केदार..!
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कुछ दिन पहले बिहार सरकार ने इसको लेकर प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। अब बिहार सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है।
इससे पहले, बिहार विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे की रिक्त सीटों के लिए होने वाले चुनाव से ठीक पहले ग्राम कचहरी से जुड़े पंच और सरपंच ने लामबंदी तेज कर दी थी। इन दोनों पदों पर निर्वाचित हजारों प्रतिनिधियों की मांग थी कि उन्हें भी एमएलसी चुनाव के लिए मतदाता बनाया जाए। केंद्र ने उनकी बातें मान ली।
लेकिन अभी इसमें एक पेंच फंसा है। केंद्र सरकार के बाद अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा। पंच-सरपंच को वोटर बनाने की कानूनी प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग की सहमति जरुरी है। मगर, पंचायती राज विभाग ने पंचों और सरपंचों को भी वोटर बनाने के लिए अब प्रदेश के निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजने की कार्रवाई शुरु कर दी है।
इससे पहले दबाव बनाने के लिए बिहार प्रदेश पंच-सरपंच संघ प्रदेश कार्यसमिति की बिहार राज्य पंचायत परिषद सभागार में महाबैठक करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने 151 सदस्यीय प्रदेश कमेटी का गठन भी किया है। बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किए गए।
इधर, बिहार विधान परिषद चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही धमासान तेज है। सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार के नाम जारी कर दिए हैं। नामांकन चल रही है। इस सबके बीच पहली बार मुखिया के साथ सवा लाख पंच और सरपंच भी एमएलसी चुनने में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे,यह खबर तेजी से संक्रमित हुई है। कारण, इसका बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। कुछ दिन पहले पहले बिहार सरकार ने इसको लेकर प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। अब बिहार सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है।
मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ग्राम कचहरी सदस्यों को भी स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में वोटर बनाने को प्रतिबद्ध है। राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
मगर, पंच-सरपंच को वोटर बनाने की कानूनी प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग की सहमति जरुरी है। यह देखते हुए पंचायती राज विभाग ने पंचों और सरपंचों को भी वोटर बनाने के लिए अब प्रदेश के निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजने की कार्रवाई शुरु कर दी है। आयोग की सहमति मिलते ही वर्षों से वोटर बनाने के लिये संघर्ष कर रहे राज्य के सवा लाख पंचों और सरपंचों को न्याय मिलने का रास्ता साफ होगा।
पंच-सरपंच के राज्यस्तरीय संघ बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ वर्षों से वोटर बनाने के लिये लड़ाई लड़ता रहा है। संघ का तर्क है कि स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में केवल ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ही अब तक वोटर से वंचित रखा गया है। हालांकि बिहार सरकार समेत राज्य के सभी 56 सांसद वर्ष 2009 से ही पंच-सरपंचों को वोटर बनाने के लिये प्रयासरत हैं।