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17 अगस्त, 2024
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Mulayam Singh Passed Away: मुलायम सिंह यादव का निधन, मेदांता अस्पताल से पार्थिव शरीर सैफई के लिए रवाना, कल होगा अंतिम संस्कार

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम (हरियाणा) के मेदांता अस्पताल में सुबह अंतिम सांस ली। उन्होंने आज सुबह 8.16 पर अंतिम सांस ली। वह 82 साल के थे।

पहलवान और शिक्षक रहे मुलायम ने लंबी सियासी पारी खेली। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र में रक्षा मंत्री रहे। उन्हें बेहद साहसिक सियासी फैसलों के लिए भी जाना जाता है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ ही हैं। दिल्ली से उनका शव लखनऊ लाने की तैयारी है। यहां से फिर इटावा ले जाया जाएगा। कल तीन बजे मुलायम सिंह यादव का सैफई में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उधर, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचेंगे।

मुलायम सिंह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वह वेंटिलेटर पर थे। पिछले रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। पूरे उत्तर प्रदेश के लोग नेताजी के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के बड़े सियासी चेहरा बने। उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और एक बार देश के रक्षा मंत्री की कुर्सी संभाली। उनके निधन से समाजवादियों समेत उनके समर्थकों में मायूसी छा गयी है।

सपा संरक्षक के निधन पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया को सपा ने अपने ट्विटर से शेयर किया. उन्होंने लिखा, “मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे। वहीं सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन सोमवार की सुबह करीब 8.16 मीनट पर मेदांता अस्पताल में हुआ. इसकी पुष्टि भी उनके बेटे अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए की।

वहीं पीएम मोदी ने उनके निधन पर ट्वीट कर लिखा, “जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव के साथ मेरी कई बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है. उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति.”

मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के उन कुछ चंद नेताओं में से एक हैं जिन्होंने बेहद ही सामान्य परिवार से निकल कर सियासी पारी शुरू की। अपनी पार्टी बनाई। पार्टी को मजबूती से खड़ा ही नहीं किया बल्कि देश के सबसे बड़े सूबे में सत्ता में भी लाने में सफल रहे। वह खुद तो मुख्यमंत्री बने ही 2012 में पूर्ण बहुमत की सरकार लाकर अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने में भी सफल रहे। पहलवानी में माहिर मुलायम ने सियासत में भी मंझे हुए खिलाड़ी साबित हुए।

मुलायम सिंह यादव ने 1992 समाजवादी पार्टी बनाई। वह प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। पांच दिसंबर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, पांच दिसंबर 1993 से तीन जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। वह देश के रक्षामंत्री के पद पर भी रहे।

नेताजी के नाम से लोकप्रिय मुलायम सिंह यादव ने यादव बिरादरी और मुस्लिम समाज को पार्टी के साथ जोड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने यह गठजोड़ बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुखर विरोध किया। उनकी इसी रणनीति के चलते यादवों के साथ मुस्लिम जुड़ता गया। मुस्लिम-यादव के गठजोड़ की ताकत को देख अन्य वर्ग के मतदाता भी जुड़े। इसी योग से समाजवादी पार्टी कई बार सत्ता में में आई।

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