पटना में रविवार को राजद प्रदेश कार्यालय में युवा राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें तेजस्वी यादव (Tejashwi engaged in giving new look to RJD) ने बिहार में एक नए समीकरण की वकालत करते हुए कहा, अब सिर्फ मुस्लिम यादव ही नहीं, सभी वर्गों का साथ लेकर चलेंगे। वहीं, इसी दौरान नवादा में राजद को बड़ा झटका लगा। नवादा स्थानीय निकाय विधान परिषद चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने श्रवण कुशवाहा को प्रत्याशी घोषित किया है। इसके विरुद्ध राजद के जिला अध्यक्ष महेंद्र यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। खास यह रहा, प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष और प्रदेश महासचिव पहुंचे थे। पढ़िए पूरी खबर
इससे पहले पटना में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव ने गरमजोशी के साथ कहा कि काफी समय बाद युवा राजद नेताओं से मुलाकात हो रही है। चुनाव के समय युवा राजद ने काफी संघर्ष किया था। चुनाव में हमारा मुद्दा भी बेरोगारी को दूर करने का था। बेरोजगार आज युवा है। डिग्री है पर नौकरी नहीं है। बिहार के युवाओं ने राजद का साथ दिया। मौजूदा सरकार ने एक दो सीट में गड़बड़ी कर राजद को सत्ता से बाहर कर दिया।
तेजस्वी ने जोर देते कहा, जब तक हम लोगों को जितेंगे नहीं, तब तक राजद जीतेगा नहीं। पार्टी में सब को साथ लेकर चलना होगा। सिर्फ एम-वाई की बात नहीं करनी है। सभी को साथ लेकर चलना है।
वहीं, लंबे समय से तेजस्वी से आश्वासन मिलने के बाद विधान परिषद की चुनाव की तैयारी में जुटे पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद के भतीजे जिला पार्षद अशोक यादव चुनाव की तैयारी में जुटे थे। वे श्रवण कुशवाहा की उम्मीदवारी को नकारते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
जिससे राष्ट्रीय जनता दल नेतृत्व के विरुद्ध नवादा जिले में एक बड़ा सा जंग छिड़ गया है ।इसका क्या परिणाम होंगे ,यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
राजद कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दल के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाला श्रवण कुशवाहा को दल का प्रत्याशी बनाया गया है ।वहीं दल के लंबे समय से काम कर रहे कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा की गई है। कई ने तो थैले लेकर टिकट देने का भी आरोप लगाया है।
स्थिति चाहे जो भी हो राजद के जिला अध्यक्ष महेंद्र यादव के साथ ही कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दिया है लेकिन नवादा राजद के भीष्म पितामह राजबल्लभ प्रसाद के भतीजे जिला पार्षद अशोक यादव के समर्थकों ने उनके चुनाव लड़ने की घोषणा कर राजद नेतृत्व की हवा ही निकाल दी है ।अब देखना है कि राजद में आए भूचाल का चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ता है।
जदयू तो पूर्व से तीन बार विधान पार्षद रहे सलमान रागिब मुन्ना को फिर से अपना प्रत्याशी बनाया है ।अब देखना है कि चुनावी दंगल में राजद में आए भूचाल का क्या असर होता है। राजद के अधिकांश कार्यकर्ता अशोक यादव को ही अपना प्रत्याशी मान रहे हैं ,जो राष्ट्रीय जनता दल के लिए एक बड़ी त्रादसी भी कहा जा सकता है।
इस बार मुस्लिम-यादव समीकरण (MY) पर जोर देने की बजाए तेजस्वी और राजद की कोशिश टिकट देने में सवर्णों को खासी तरजीह देने की है और दी भी गई है। जानकार बताते हैं कि यह आरजेडी का बिल्कुल नया स्वरूप है। इसमें ‘एमवाई’ की जगह सवर्ण और दलितों को साधने की कोशिश हो रही है। अबतक जिन 23 सीटों के लिए आरजेडी ने उम्मीदवारों ने नाम तय किए हैं। इनमें पांच भूमिहार, चार राजपूत और एक ब्राह्मण जाति से हैं।