NIA की टीम ने बिहार के गोपालगंज (Gopalganj Bihar) से एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक को मांझा थाना क्षेत्र के पथरा गांव में छापेमारी करके गिरफ्तार किया है। टीम ने गिरफ्तार युवक के पास से 6 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और सिम कार्ड बरामद किया है। NIA युवक को सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली चली गई है।
इसके साथ ही बिहार एक बार फिर से आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में आ गया है। यहां से NIA (National Investigative Agency) ने एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई गोपालगंज जिले में की गई है।
संदिग्ध आतंकी के पास से कई सामान बरामद
एनआईए की टीम ने इस कार्रवाई को 7 दिसंबर को माझागढ़ थानाक्षेत्र के पथरा गांव में अंजाम दिया। टीम ने जफर अब्बास के पास से दो लैपटॉप, 6 मोबाइल फोन, 6 सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। फिलहाल एनआईए की टीम इन से और सुराग तलाश रही है।
NIA की टेरर फंडिंग पर बिहार में बड़ी कार्रवाई
एनआईए की टीम ने 48 घंटे पहले गोपालगंज के मांझागढ़ से जफर अब्बास नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि जफर ने दुश्मन देश पाकिस्तान से करीब 6 करोड़ रुपए की राशि मंगाई गई है। इन पैसों काआतंकियों से कनेक्शन होने का पुख्ता सबूत है।
बताया जा रहा है कि एनआईए को सूचना मिली थी कि गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाने के पथरा गांव का युवक जफर अब्बास टेरर फंडिंग से जुड़े पाकिस्तानी आतंकवादियों से संपर्क में है। इसके बाद से वह जांच टीम की रडार पर था। एनआईए की टीम लगातार उसके बारे में जांच पड़ताल कर रही थी।
एनआई लोकल पुलिस की मदद से उसपर नजर रख रही थी. युवक पर पहले साइबर क्राइम से जुड़े मामले की तफ्तीश की गई। इसके बाद पता चला कि पाकिस्तानी आतंकवादियों से भी उसका कनेक्शन है और वह टेरर फंडिंग कर रहा था। इसके बाद एनआईए की टीम ने कार्रवाई की और उसे गिरफ्तार कर लिया।
गांव में अब पुलिस रख रही है निगरानी
गिरफ्तार युवक पथरा गांव के महम्मद हसमुल्लाह का पुत्र जफर अब्बास बताया गया है। गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मांझा थाने के पथरा गांव में निगरानी बढ़ा दी है। पुलिस अब गिरफ्तार युवक अब्बास के संपर्क में आए दूसरे लोगों की तलाश कर रही है।
इससे पहले भी एनआईए ने गोपालगंज में बेदार बख्त उर्फ धन्नू राजा को आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में 2017 में गिरफ्तार किया था। तब कहा गया था कि बेदार बख्त उर्फ धन्नू राजा लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़ा है।
पाकिस्तानी आतंकी का बिहार कनेक्शन
इससे पहले भी आतंकियों का बिहार कनेक्शन सामने आया था. अक्टूबर में जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ को गिरफ्तार किया था तो उसके पास से जो दस्तावेज बरामद किया गया था वो बिहार के किशनगंज के पते का था।
स्पेशल टीम ने आतंकी को लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया था जहां उसके पास से हथियार और हैंड ग्रेनेड भी मिले थे। इसके साथ ही बिहार के सीमांचल और मिथिलांचल में भी कई बार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। यह क्षेत्र धीरे-धीरे घुसपैठियों और आंतकियों का सेफ हाउस बनता जा रहा है। तो वहीं बिहार के पिछले कुछ सालों में गया और छपरा के क्षेत्र में भी आतंकी कनेक्शन सामने आए हैं।
कहा जा रहा है कि साइबर क्राइम से जुड़ी टीम को टेरर फंडिग को लेकर पाकिस्तानी आतंकवादियों से उसके कनेक्शन की पुख्ता जानकारी मिली है। गिरफ्तारी के बाद एनआईए अब्बास को लेकर दिल्ली रवाना हो गयी है और आगे की पूछताछ अब दिल्ली में ही होगीद्ध गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है, लेकिन मामले के संबंध में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जफर अब्बास का संपर्क पाकिस्तान में बैठे लोगों से था। स्थानीय थाना भी उस पर नजर रख रही थी। एनआइए की इस कार्रवाई के बाद गोपालगंज पुलिस ने इलाके में चौकसी बढ़ा दी गयी है।
आइइएस कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था जफर
जफर की बहन सबेया खातून ने कहा कि वह बीटेक फाइनल इयर का छात्र है। वह मध्यप्रदेश के भोपाल के आरजीपीयू यूनिवर्सिटी के आइइएस कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई करता था। कोरोना काल में वह अपने घर आया था और यही से आकर ऑनालाइन पढ़ाई करता था। फरवरी 2022 में फाइनल इयर का एग्जाम होना था। जफर दो भाइयों में बड़ा भाई है। छोटा भाई इसी माह मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा दिया है। परिजनों ने जफर को निर्दोष बताते हुए कहा कि साजिश के तहत उसे फंसाया गया है।
जफर की मां सलीमा बेगम ने कहा कि बेटा आतंकी नहीं हो सकता। उसे पंचायत चुनाव के तहत साजिश में फंसाया गया है। वहीं गिरफ्तार युवक के पड़ोसी और रिश्तेदारों ने भी निर्दोष बताया है। परिवार वालों का कहना है कि गिरफ्तार जफर अब्बास के पिता म. हसमुल्लाह दुबई में 1978 से रहकर काम कर धन अर्जित किया और अपने मकान को बनवाया, जिसे अब टेरर फंडिंग के रुपये को जोड़कर जांच की जा रही है।
मालूम हो कि गोपालगंज में एनआइए की कार्रवाई का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार शेख अब्दुल नईम आतंकी का कनेक्शन गोपालगंज से जुड़ा था। शेख अब्दुल नईम गोपालगंज में नाम व पता बदलकर पासपोर्ट बनवा चुका था और यहां लश्कर-ए-तैयबा का स्लीपर सेल तैयार किया था।
साल 2017 में खुफिया एजेंसियों के रिपोर्ट पर बनारस से शेख अब्दुल नईम की गिरफ्तारी हुई. उसके बाद गोपालगंज से जुड़े तार का खुलासा हुआ और लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े सक्रिय सदस्य बेदार बख्त उर्फ धन्नू राजा की दिसंबर 2017 में नगर थाना के जादोपुर चौक स्थित ननीहाल से हुई थी।
धन्नू एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष भी था। इसके बाद 2017 में ही मांझा थाने के आलापुर गांव से एनआइए ने मुकेश कुमार को गिरफ्तार। लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े चौथे सक्रिय सदस्य महफूज आलम की गिरफ्तारी साल 2018 में नगर थाना क्षेत्र के दरगाह मोहल्ले से हुई। एनआइए की लगातार कार्रवाई के बाद सुरक्षा एजेंसियां और स्थानीय पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। पूरी गोपनीयता के साथ संदिग्धों पर नजर रखी जा रही।