Darbhanga News: मिथिलांचल का सबसे बड़ा आध्यत्मिक पर्व, नौ दिवसीय जय श्यामा माय, जय श्यामा माय नामधुन नवाह का श्रीगणेश, 700 कन्याओं के साथ निकली भव्य कलश शोभा यात्रा
मां श्यामा मंदिर परिसर से 700 से अधिक कुमारी कन्याओं के साथ भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई। प्रभारी मधुबाला सिन्हा और संयोजक डॉ जयशंकर झा के नेतृत्व में यह यात्रा विभिन्न मंदिरों से होते हुए (Nine-day Jai Shyama Mai Namdhun Navah begins in Darbhanga) वापस श्यामा मंदिर परिसर पहुंची। जयकारों और वैदिक मंगलाचरण से वातावरण भक्तिमय हो उठा। कन्याओं को प्रसाद, उपहार स्वरूप साड़ी और मां श्यामा का आशीर्वाद देकर विदा किया गया।
मुख्य बिंदु:
- कलश शोभा यात्रा का आयोजन: मां श्यामा मंदिर परिसर से 700 से अधिक कन्याओं की सहभागिता।
- यात्रा का मार्ग: दरभंगा के प्रमुख मंदिरों से होकर श्यामा मंदिर परिसर तक यात्रा संपन्न।
- कन्याओं का सम्मान: प्रसाद, साड़ी और आशीर्वाद देकर कन्याओं को विदा किया गया।
- आध्यात्मिक सत्र: श्यामा-स्तोत्र गायन, दीप प्रज्वलन, और स्मारिका “मां श्यामा संदेश” का विमोचन।
- अग्नि स्थापन: शुभ मुहूर्त में हवन और श्यामा नामधुन संकीर्तन का शुभारंभ।
- 9 दिवसीय यज्ञ का संचालन: पंडित श्याम ठाकुर और पंडित दुर्गानंद ठाकुर की देखरेख में पूजा और हवन।
- मिथिलावासियों का उत्साह: सभी ने महायज्ञ में बढ़-चढ़कर भाग लेने का संकल्प लिया।
प्वाइंटर:
- 700 कन्याओं की भव्य कलश शोभा यात्रा।
- दरभंगा के प्रमुख मंदिरों से होकर यात्रा संपन्न।
- कन्याओं को प्रसाद और साड़ी उपहार स्वरूप भेंट।
- श्यामा-स्तोत्र और स्मारिका “मां श्यामा संदेश” की प्रस्तुति।
- हवन कुंड में अग्नि स्थापन और नामधुन संकीर्तन।
- 9 दिनों तक पूजा-पाठ और हवन का आयोजन।
- मिथिलावासियों की सक्रिय भागीदारी।
आध्यात्मिक सत्रों और आयोजन में मिथिलावासियों का उत्साह
श्यामा मंदिर परिसर में आध्यात्मिक सत्र दीप प्रज्वलन और श्यामा-स्तोत्र से प्रारंभ हुआ। प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ संत कुमार चौधरी ने आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मिक शांति का महत्व बताया। स्मारिका “मां श्यामा संदेश” की सराहना हुई, जिसकी कीमत सिर्फ ₹20 रखी गई है। कलश यात्रा और अन्य कार्यक्रमों में अतिथियों और न्यास समिति के सदस्यों का सक्रिय योगदान रहा।
अग्नि स्थापन और 9 दिवसीय यज्ञ का शुभारंभ
प्रधान पुजारी शरद कुमार झा ने शुभ मुहूर्त में अग्नि स्थापन विधि संपन्न कराई। हवन कुंड की परिक्रमा के बाद श्यामा नामधुन स्थल पर संकीर्तन प्रारंभ हुआ। अगले 9 दिनों तक पंडित श्याम ठाकुर और पंडित दुर्गानंद ठाकुर पूजा, हवन, और संकीर्तन का संचालन करेंगे।