बनारस की साड़ी,ओडीशा का रसगुल्ला, बीकानेर की भुजिया….ये सारे प्रोडक्ट वही हैं जिन्हें GI टैग मिला हुआ है। अब इस लिस्ट में मिथिला के मखानों का नाम भी जुड़ गया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि मिथिला मखाना जीआई टैग में पंजीकृत हो गया है, संपूर्ण मिथिलांचल खुशी से झूम उठा।
मखाना को जीआई टैग दिलाने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पुरजोर वकालत की थी। इसको लेकर जोरदार आवाज उठी थी। स्थानीय मखाना उत्पादकों के अलावे भाजपा के सभी नेताओं का कहना था कि मखाना का 90 प्रतिशत उत्पादन मिथिला क्षेत्र में होता है इसलिए इसका जीआई टैग ‘मिथिला मखान’ नाम से होना चाहिए।
अब, जीआई टैग की घोषणा से सभी तरह के संशय दूर हो गए हैं। पूरे विश्व में जहां भी मखाना जाएगा, वहां मिथिला का नाम रहेगा। मिथिला के लोगों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि मोदी सरकार ने उपलब्ध कराई है। जीआई टैग मिलने से मखाना पर मिथिला का जो एकाधिकार था, वह कायम रह गया है। इसको लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह गौरव का क्षण है।
उन्होंने कहा कि मखाना को लेकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी सभी चाहते थे कि इसका ब्रांडिंग हो और यह कर दिखाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से मिथिला मखाना का GI (Geographical Indication) Tag से पंजीकृत होना बिहारवासियों तथा विशेषकर मिथिला वासियों के लिए गौरव का विषय है।
बिहार के सांस्कृतिक विरासतों, यहां के खान-पान तथा मिथिला मखाना का जिक्र तो प्रधानमंत्री श्री मोदी पहले भी करते रहे हैं। बिहार का चतुर्मुखी विकास उनकी प्राथमिकता में है।
मिथिला मखाना को GI टैग हासिल होना इस कड़ी में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे बिहार के गौरव एवं प्रगति के साथ-साथ #VocalForLocal की भावना देश-विदेश में बिहार के पहचान को बढ़ाएगी। वहीं, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में बिहार भी कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेगा।