
आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है। अब आपका किचन खुशहाल होने जा रहा है। बहुत दिनों के बाद ऐसा हो रहा है जब महंगाई खासकर तेल की कीमत के कम होने के आसार बने हैं।
सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल (Refined Soyabean Oil) पर इंपोर्ट ड्यूटी गुरुवार से कम कर दी है। इससे आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे खाने के तेल के दाम गिरावट देखने को मिल सकती है।
सरकार ने सोयाबीन और सनफ्लॉवर तेल (Refined Soyabean Oil) पर आयात शुल्क को 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है।
आम तौर पर भारत में ‘कच्चा’ सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल आयात किया जाता है, फिर उसे घरेलू स्तर पर ही रिफाइंड बनाया जाता है। इसके बावजूद सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन और सनफ्लॉवर तेल पर आयात शुल्क में कटौती की है।
दरअसल, सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन (Refined Soyabean Oil) और सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) पर आयात शुल्क (Import Duty) 17.5 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) की ओर से गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर काबू के लिए यह कदम उठाया गया है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि इस कदम का बाजार की धारणा पर कुछ अस्थायी प्रभाव हो सकता है, लेकिन इससे आयात नहीं बढ़ेगा।
मेहता ने बयान में कहा,आमतौर पर सरकार खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहती है। कच्चे और रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के बीच कम शुल्क अंतर के बावजूद रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल का आयात आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है। इस कदम से बाजार की धारणा पर अस्थायी प्रभाव पड़ेगा।
अभी रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का कोई आयात नहीं होता है. एसईए के अनुसार, केरल में मानसून की शुरुआत में एक सप्ताह की देरी के कारण बुवाई में विलंब हुआ है।
मेहता ने कहा, मौसम विभाग ने लगभग सामान्य मॉनसून का अनुमान लगाया है। हालांकि, अल नीनो से पूरी तरह इनकार नहीं किया गया है। और इससे सामान्य मॉनसून की संभावना को झटका लग सकता है।
इसके चलते खरीफ फसल और अगले तेल वर्ष 2023-24 में वनस्पति तेलों की घरेलू उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।
भारत खाद्य तेलों में अपनी मांग-आपूर्ति के अंतर को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। आयात के जरिये भारत अपनी 60 प्रतिशत खाद्य तेल जरूरत को पूरा करता है।
आमतौर पर भारत रिफाइंड के बजाय ‘कच्चे’ सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है। इसके बावजूद सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क घटाया है।
इस कटौती के साथ रिफाइंड खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 13.7 प्रतिशत हो गया है। इसमें सामाजिक कल्याण उपकर भी शामिल है। सभी प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है।