Lionel Messi: कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में फुटबॉल के जादूगर लियोनल मेसी के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम को लेकर फैंस में जबरदस्त उत्साह था, लेकिन यह उत्साह पल भर में निराशा में बदल गया जब ‘GOAT’ का इंतजार कर रहे हजारों खेल प्रेमियों को केवल मायूसी हाथ लगी। महंगे टिकट खरीदने के बावजूद, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कई खेल प्रेमियों को मेसी की एक झलक तक नसीब नहीं हुई, जिससे स्टेडियम में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला।
लियोनल मेसी: कोलकाता में ‘GOAT’ का इंतजार कर रहे फैंस को मिली निराशा, हंगामा!
सॉल्ट लेक स्टेडियम में बुधवार की शाम को एक भव्य आयोजन की उम्मीद थी, जिसमें दुनिया के महानतम फुटबॉलर लियोनल मेसी को शामिल होना था। हालाँकि, आयोजकों की कथित खराब व्यवस्था और मेसी के कार्यक्रम से जल्दी चले जाने के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। हजारों की संख्या में पहुंचे प्रशंसक अपने पसंदीदा खिलाड़ी को देखने के लिए लालायित थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। यह घटना निश्चित रूप से भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक कड़वी याद बन गई है।
लियोनल मेसी: खराब आयोजन से फूटा प्रशंसकों का गुस्सा
कार्यक्रम स्थल पर अव्यवस्था का आलम ऐसा था कि कई लोग अपनी सीटों तक नहीं पहुँच पाए, जबकि कुछ को मेसी के मंच पर आते ही उनके तुरंत चले जाने का सदमा लगा। सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें गुस्साए प्रशंसक अपनी नाराजगी व्यक्त करते दिख रहे हैं। उन्होंने आयोजकों पर वादाखिलाफी और लापरवाही का आरोप लगाया है। यह महज एक खेल कार्यक्रम नहीं था, यह देश में फुटबॉल के बढ़ते क्रेज का प्रतीक था, जिस पर इस घटना ने गहरा असर डाला है।
कई दर्शकों ने बताया कि उन्हें लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है। उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से टिकट खरीदे थे, सिर्फ यह उम्मीद लेकर कि वे अपने हीरो को करीब से देख पाएंगे। लेकिन अंत में, उन्हें केवल निराशा और गुस्सा मिला। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ऐसे बड़े आयोजनों में दर्शकों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना आयोजकों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
स्टेडियम में अफरा-तफरी और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में जिस तरह की अफरा-तफरी देखने को मिली, उसने सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इवेंट में भारी संख्या में जुटे दर्शकों को संभालना एक बड़ी चुनौती होती है, और इस मामले में आयोजक पूरी तरह से विफल रहे। कई लोगों को स्टेडियम के अंदर प्रवेश करने में भी घंटों लग गए, और जब वे अंदर पहुंचे, तब तक मेसी जा चुके थे।
इस घटना ने भविष्य में भारत में होने वाले बड़े खेल आयोजनों के लिए एक सबक दिया है। खेल जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें। आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करें और दर्शकों को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव प्रदान करें। यह सिर्फ एक खिलाड़ी की उपस्थिति का मामला नहीं है, बल्कि देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का भी एक मौका होता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


