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22 जून, 2024
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कोई यूं ही ‘नीरज चोपड़ा ‘ नहीं बन जाता….फिर रचा इतिहास….

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विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में रविवार को भारत के नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले इस भालाफेंक एथलीट ने अमेरिका में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश को रजत पदक दिलाया। वह विश्व एथलेटिक्स में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन गए हैं।

उनसे पहले महिलाओं में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। नीरज ने चौथे राउंड में 88.13 मीटर दूर भाला फेंकर रजत अपने नाम किया। ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने दूसरे राउंड में 90.46 दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

जानकारी के अनुसार, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में भारत के ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने रविवार को यहां पदक जीतकर रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया।

वह इस टूर्नामेंट के इतिहास में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं। उनसे पहले महिलाओं में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। नीरज ने चौथे राउंड में 88.13 मीटर दूर भाला फेंकर रजत अपने नाम किया। दूसरी ओर रोहित यादव ने फाइनल में 10वां स्थान हासिल किया। वह तीसरे राउंड के बाद बाहर हो गए। उन्होंने पहले राउंड में 77.96, दूसरे राउंड में 78.05 और तीसरे राउंड में 78.72 मीटर दूर भाला फेंका।

ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पहले प्रयास में फेल हो गए थे। उनके पहले थ्रो को फाउल घोषित किया गया। उसके बाद चोपड़ा ने दूसरे राउंड में 82.39 मीटर दूर भाला फेंका। नीरज के प्रतिद्वंद्वी ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने पहले प्रयास में 90.21 मीटर और दूसरे राउंड में 90.46 दूर भाला फेंककर नीरज पर दबाव बनाया।

इसके बाद नीरज ने तीसरे और चौथे राउंड में लगातार अपने प्रदर्शन को सुधारा। वह तीसरे राउंड में 86.37 और चौथे राउंड में 88.13 मीटर दूर भाला फेंकने में सफल रहे। नीरज पांचवें राउंड में फेल हो गए। पीटर्स 90.54 मीटर की दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब हुए। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेज्च 88.09 स्कोर के साथ कांस्य जीतने में सफल हुए।

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत पूरे देश ने बधाई दी है । चोपड़ा ने अमेरिका के यूजीन में चैंपियनशिप की भालाफेंक स्पर्धा के फाइनल में 88.13 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। कोई यूं ही 'नीरज चोपड़ा ' नहीं बन जाता....फिर रचा इतिहास....इससे पहले भारत के लिए विश्व चैम्पियनशिप में एकमात्र पदक 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में कांस्य जीता था । प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया-‘हमारे सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में से एक नीरज चोपड़ा की महान उपलब्धि उपलब्धि। विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने पर नीरज चोपड़ा को बधाई ।’

उल्लेखनीय है कि चोपड़ा ने पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं । उन्हें विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने पर ट्विटर पर जमकर बधाई दी जा रही हैं।

बीजिंग ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने कहा- ‘विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक पर नीरज चोपड़ा कोकोई यूं ही 'नीरज चोपड़ा ' नहीं बन जाता....फिर रचा इतिहास.... बधाई। तुमने हमें गौरवान्वित किया है । शानदार प्रदर्शन और आगे के लिए शुभकामना।’ उड़नपरी पीटी उषा ने कहा -‘देश के लिए विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने पर नीरज चोपड़ा को बधाई । आपके सर्वश्रेष्ठ प्रयासों से दुनिया में देश का नाम रोशन हुआ है । यूं ही देश का परचम लहराते रहिये । जय हिंद।’

नीरज को बधाई देने वालों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज प्रमुख हैं। नीरज के रजत पदक जीतने पर पानीपत में उनके आवास पर जश्न मनाया जा रहा है।

नीरज को एक के बाद एक टूर्नामेंट में सफलता यू हीं नहीं मिली। इसके लिए उन्हें त्याग करना पड़ा। अपने लक्ष्य को पाने के लिए नीरज ने लंबे समय तक घरवालों और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी। नीरज संयुक्त परिवार में रहते हैं। परिवार में माता-पिता के अलावा तीन चाचा हैं। एक ही छत के नीचे रहने वाले 19 सदस्यीय परिवार में चचेरे 10 भाई-बहनों में नीरज सबसे बड़े हैं।इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा के लिए बधाइयों का तांता; PM मोदी ने बताई महान उपलब्धि, घर पर जश्नउन्हें इस खेल में अगले स्तर पर पहुंचने के लिए पैसों की जरूरत थी। परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी कि वह उसे 1.5 लाख रुपये का जेवलिन नहीं दिला सके। पिता सतीश चोपड़ा और चाचा भीम ने जैसे-तैसे सात हजार रुपये जोड़े और उन्हें अभ्यास के लिए एक जेवलिन लाकर दिया था। उन्होंने इसके बाद खूब मेहनत की।

वह 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के अंडर-20 विश्व रिकॉर्ड के साथ ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुर्खियों में आए। इसके बाद नीरज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। नीरज 2017 में सेना से जुड़े। तब नीरज ने कहा था कि हम किसान हैं। परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं है। मेरा परिवार बड़ी मुश्किल से मेरा साथ देता आ रहा है। अब राहत की बात है कि मैं अपने प्रशिक्षण को जारी रखने के अलावा अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करने में सक्षम हूं।

जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा और एक समय ऐसा भी आया जब नीरज के पास कोच नहीं था। बावजूद इसके नीरज ने हार नहीं मानी और यूट्यूब चैनल से विशेषज्ञों के टिप्स समझकर अभ्यास किया। अपनी तमाम कमियों को दूर किया। किशोरावस्था में हरियाणा के पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में पसीना बहाने वाले नीरज को इसी मैदान पर इस खेल से प्यार हुआ।

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