बिहार का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली न्यूज़ ब्रांड बढ़ रहा है। यहां हमारी यात्रा की झलक है।
जिसकी शुरूआत 2017 अगस्त में मिशन पत्रकारिता के साथ हुई। कारण, पत्रकारिता को लगातार हाशिए पर लटकते देखना। पत्रकारिता के बेपर्द होते चरित्र। पाठकों से लयात्मक तारतम्य का टूटता रिश्ता। पाठकों के मंच को खरीदने की बेवजह होती, दिखती कोशिश। अखबारों की घटती साख। सच स्वीकारने, लिखने की कहीं नहीं दिखतीचाहत। कॉरपोरेट जगत की दखल अंदाजी
देशज ग्रुप के एडिटर इन चीफ, वरीय पत्रकार , ईमान डोल जाएंगे के लेखक मनोरंजन ठाकुर को कतई नहीं भाया। उन्होंने कहा, अगर यही है आज की पत्रकारिता तो हमें, पाठकों के लिए उनकी जरूरत के लिए उबरना समय की मांग है। उस समय की जो चुनौतियों से भरा है। यह उन पाठकों, जनता या फिर उन आम लोगों की जरूरतों के लिए जरूरी था जो सुबह सबसे पहले अखबार टटोलने की आदी बन चुके हैं। हमारे एडिटर इन चीफ मनोरंजन ठाकुर स्पष्ट व साफ शब्दों में कहते हैं, पाठक मजबूर हैं।
पाठक चाहकर भी बोल नहीं सकते। आप ही देखिए, अखबारी चरित्र कुछ यूं आपके सामने है जहां, संपादकीय पृष्ठ से पाठक मंच का खात्मा करने की नापाक कोशिश साफ दिख रही है। देशज को यह सब कतई मंजूर नहीं। पाठक हमारे सबसे अहम हिस्सा हैं। उस हिस्सेदारी के बगैर हमारा वजूद कुछ भी नहीं। मगर दु:खद यही, उस वजूद को ही खरीदने, मिटाने, नष्ट करने पर आज आमादा कौन है वही अखबार समूह जो आज गुणात्मक अभिव्यक्ति के बदले बाजारी औजार से उस पाठक वर्ग में छेद करते सामने है।
ठाकुर बताते हैं, पत्रकारिता मिशन को आवाम के साथ जोड़े रखने की देशज की जिद आज उस तंत्र की सबसे बड़ी जीत बनकर सामने ,साफ दिखाई दे रहा जहां एक स्वतंत्र पाठकों का समूह देशज की अनवरत खबरों के साथ संतुष्ट है।
आपसे भी विनम्र अनुरोध, देशज की मुहिम में अपना साथ दीजिए।
सोचिए,
- वर्ष 2018 में जब मीडिया से मुद्दे गायब हो रहे थे, खबरों से जानकारियां गायब हो रही थीं, उस दौरान देशज टाइम्स डॉट कॉम सामने आकर जानकारी को बिना मसाले, बिना तड़का लगाए, बिना लाग-लपेट के निष्पक्षता व समर्पण की मिसाल कायम की, जो अब 11 लाख पाठकों का भरोसा बनकर सामने है।
- हमनें कोरोना के ऐसे समय, जहां पूरा देश लॉक था, खबरों के टोटे पड़े थे, हमारे सुधी पाठक अखबारों से दूरी बनकर बैठे थे। ऐसे सूनसान-विरान मौके पर हमनें पाठकों को मद्देनजर रखते फौरन खबरों की जिज्ञासा को शांत रखने की कोशिश के बीच डिजिटल साप्ताहिक ( D.WEEKLY ) का शुभारंभ नौ फरवरी 2020 को किया, जो अनवरत अब विश्व स्तरीय मंच पर भी उपलब्ध है।
- जब, बिहार में चुनाव आया, हमनें आगे बढ़कर, बिहार की जनता को लोकतंत्र बचाने की सीख के बीच एक सटीक, निर्भीक, निष्पक्ष, मर्यादाओं के साथ कोरोना काल में कैसे अपने मतदान का स्वतंत्र व ताकतवर तरीके से इस्तेमाल करें इसकी सीख देती खबरों से रूबरू कराते डिजिटल सांध्य ( D.ELECTION ) की शुरूआत की।
- इसके साथ देशज लोकतंत्र यानी देशज टाइस डॉट इन भी सामने आया, जो खबरों की जरूरत को पूरा करने में मील का पत्थर बना।वहीं, अब…
- प्रिंट की लगातार घटती साख, पाठकों से टूटता भरोसा, उनसे बढ़ती अखबारी दूरी के बीच डिजिटल डिजी नेटवर्क देशज ग्रुप ने इस नए साल में बिहार का नंबर 1 न्यूज ऐप लेकर आप सबों के बीच आने का संकल्प लिया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल व लोकल से ग्लोबल तक की दूरी को मापते दरभंगा खासकर मिथिला क्षेत्रे, हमार प्रदेश, साराजहां की ताजा खबरें, रोजाना नए कलेवर में फिल्म-नौटंकी के साथ सरजमीं को समेटे बहुत जल्द देशज टाइम्स एप आ रहा है, जो बनाएगा-रखेगा खबरों में आत्मनिर्भर।
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