कहा जाता है कि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। भारत और नेपाल के नागरिक कमाने खाने के लिहाज से एक दूसरे के देशों में आते-जाते रहते हैं। वहीं, दोनों ही देशों में लोगों की रिश्तेदारियां भी हैं।
मगर, अब जो जानकारी रह रहकर आ रही है उसमें भारत से नेपाल की सीमा में प्रवेश करने के लिए वाहन मालिकों को पहले के मुकाबले जहां अधिक जेब ढीली करनी होगी, यह खबर पहले आ चुकी है। इसका मकसद नेपाल सरकार का यह था कि राजस्व में बढ़ोतरी किया जाए। वहीं, बढ़ी दरों से सीमावर्ती इलाकों के लोगों की चिंताएं बढ़ गई।
वहीं, इसके बाद यह जानकारी आई कि नेपाल में पांच हजार से ज्यादा कैश लेकर जाने पर कस्टम को ब्योरा देना पड़ेगा। ऐसा, मनी लॉड्रिंग रोकने के लिए नियम बनाया गया। कहा गया कि नेपाल जाते और वहां से आते वक्त पास में रखे कैश का विवरण देना होगा।
अगर पांच हजार रुपये से अधिक कैश हुआ तो नेपाल में प्रवेश के दौरान सरहद पर ही नेपाली कस्टम कार्यालय में एक फार्म भरना होगा। जी हां, ताजा मामला यह है कि बिहारवासियों को नेपाल में प्रवेश करने पर 5000 से ज्यादा राशि रहने पर फार्म भरना होगा।
गुरूवार वीरगंज कस्टम (भंसार) के सूचना अधिकारी रामचंद्र शर्मा ढकाल ने बताया कि इस नियम का अनुपालन जरूरी है। इसके लिए कस्टम पर काउंटर बनाया गया है। जहां, फार्म उपलब्ध है, जिसे भर कर इसके साथ ही अपना पहचान स्पष्ट करने वाला परिचय पत्र भी संलग्न करना आवश्यक है।
ऐसे में, प्रत्येक विदेशी नागरिक को अब 5000 से ज्यादा राशि रखकर नेपाल में प्रवेश करने के पूर्व अनुसूची 17 के तहत एक घोषणा पत्र भरना अनिवार्य होगा। नेपाली कस्टम का यह आदेश भारतीय मुद्रा समेत सभी विदेशी मुद्रा, डॉलर और यूरो समेत चेक पर लागू किया गया है।
जानकारी के अनुसार, यदि कोई भी इस नियम के तहत विदेशी मुद्रा की घोषणा किए बगैर नेपाल प्रवेश करते अथवा नेपाल से बाहर जाते पकड़ा जायेगा, तो उस पर नेपाली कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी।