ट्विटर (Twitter Deal) का मालिक बनते ही दुनिया के सबसे अमीर शख्स और दक्षिण अफ्रीकी-कनाडाई-अमेरिकी दिग्गज व्यापारी, निवेशक और इंजीनियर एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर अधिग्रहण का सौदा पूरा करते ही सबसे पहले सीईओ पराग अग्रवाल (CEO Parag Agrawal) समेत कई शीर्ष अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। मस्क ने इन पर उन्हें गुमराह करने के आरोप लगाए हैं।
लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट हेड विजया गाड्डे, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर नेड सेगल, 2012 से ट्विटर के जनरल काउंसल रहे सीन एडगेट को भी बाहर निकाल दिया गया है। हालांकि, इस पूरे मसले पर ट्विटर की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। बता दें, अगर पराग अग्रवाल कंपनी से निकाले जाते हैं तो ट्विटर को उन्हें भारी रकम चुकानी होगी।
मस्क ने कहा कि वो ट्विटर पर स्पैम बॉट्स को हराना चाहते हैं। वो एक ऐसी एल्गोरिदम बनाना चाहते हैं जो यह निर्धारित करे, साइट पर मौजूद सामग्री सार्वजनिक रूप से कैसे दिखे। यह निर्धारित किया जा सके। एलन मस्क ने साफ कर दिया है कि वह कर्मचारियों की छंटनी करेंगे। इससे ट्विटर के लगभग 7,500 कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा।
मस्क ने ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और कानूनी मामलों और नीति प्रमुख विजया गड्डे को बाहर का रास्ता दिखाया है। मस्क ने आरोप लगाए हैं कि अग्रवाल समेत कई शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों की संख्या को लेकर गुमराह करने की कोशिश की। अग्रवाल और सेगल ट्विटर के सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय में कार्यरत थे।
जब भी कोई व्यक्ति किसी बड़ी कंपनी का सीईओ बनता है तो उसे सैलरी के अलावा कंपनी के कुछ शेयर भी दिए जाते हैं। ऐसे में अगर एलन मस्क, पराग अग्रवाल को ट्विटर से बाहर से निकालते हैं तो उनके सभी शेयरहोल्डिंग का भुगतान कंपनी को करना होगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार के पराग अग्रवाल को करीब 42 मिलियन डॉलर (346 करोड़ रुपये) का भुगतान किया जाएगा।